डॉ. योगिता हत्याकांड: हत्यारोपी डॉ. विवेक को नहीं मिली कोर्ट से राहत, 24 दिसंबर को तय होंगे आरोप
आगरा के बहुचर्चित एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी की स्टूडेंट डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। उरई के मेडिकल अफसर रहे आरोपी डॉ. विवेक तिवारी ने कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था।
आगरा। आगरा के बहुचर्चित एसएन मेडिकल कॉलेज की पीजी की स्टूडेंट डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में आरोपी डॉ. विवेक तिवारी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।
उरई के मेडिकल अफसर रहे आरोपी डॉ. विवेक तिवारी ने कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था। आरोपी के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उम्मीद है कि 24 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में आरोपी डॉ विवेक तिवारी पर आरोप तय होंगे।
बता दें कि दिल्ली निवासी डॉ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी की पढ़ाई कर रही थीं। डॉ. योगिता गौतम की दोस्ती उनके सीनियर और उरई मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात कानपुर निवासी डॉ विवेक तिवारी से थी।
18 अगस्त 2020 को डॉ. विवेक तिवारी उरई से आगरा आया था। उसके बाद उसने मिलने के बहाने से डॉ. योगिता को रूम से अपनी कार में ले गया था। इसके बाद डॉ विवेक तिवारी ने गोली मारकर डॉ. योगिता गौतम की हत्या कर दी।
उसके बाद वह डॉ योगिता के शव को डौकी क्षेत्र में फेंककर फरार हो गया था। पुलिस को दूसरे दिन डॉ योगिता गौतम की लाश अज्ञात में मिली थी। काफी छानबीन के बाद पुलिस ने उरई से डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि, हत्यारोपी डॉ विवेक तिवारी ने स्पेशल जज (एससी-एसटी एक्ट) कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट ने उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए अब 24 दिसंबर की तारीख नियत की है।
बताते चले कि आरोपी डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण, हत्या, धमकी, साक्ष्य मिटाने और हरिजन एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें आरोपी के खिलाफ आरोप तय माने जा रहे हैं। आपको बता दें कि बहुचर्चित डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में पुलिस ने तमाम सबूत और गवाह जुटाकर आरोपी डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी।
इसके साथ ही कई बार आरोपी डॉ विवेक तिवारी ने पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास भी किया था। लेकिन पुलिस ने जुटाए सबूत, एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर तैयार चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट में अब अभियोजन की ओर से एडीजीसी हेमंत दीक्षित की टीम ने पैरवी की है।
बता दें कि दिल्ली की रहने वाली डॉ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से एमएस कर रही थीं। 18 अगस्त 2020 को डॉ योगिता गौतम का परिणाम आया था। जिसमें वह अव्वल रही थींं। डॉ. योगिता गौतम ने कोरोना काल में भी एसएन मेडिकल कॉलेज में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मरीजों को उपलब्ध कराई थी।
जिस दिन एमएस के रिजल्ट का जश्न मनाया जाना था, उसी दिन दोस्त डॉ विवेक तिवारी ने उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस की छानबीन में यह आया था कि डॉ. विवेक तिवारी और डॉ. योगिता गौतम कई साल से रिलेशनशिप में थे। जानकारी में पता चला था कि दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन डॉ विवेक तिवारी को शादी के लिए कुछ समय चाहिए था। बताया जाता है कि इसी बात को लेकर उनके रिश्ते में खटास आ गई थी।