नशे में लड्डू समझ मुंह में रख लिया बम, फिर हुआ तेज धमाका, युवक व कुत्ते की दर्दनाक मौत
दरअसल यहां बोरिया थाना क्षेत्र की दुर्गी टोला पंचायत के तेतरिया पहाड़ के पास 35 साल के गुली पहाड़िया ने सुअर मारने वाले बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा लिया। जैसे ही उसने उस गोले को चबाया, विस्फोट हो गया और उसका जबड़ा फट गया।
साहिबगंज। झारखंड के साहिबगंज से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सुअर मारने वाले बम को लड्डू समझकर खाने से एक आदमी और एक डॉगी की मौत हो गई। यह घटना झारखंड के साहिबगंज जिले की बताई जा रही हैं।
दरअसल यहां बोरिया थाना क्षेत्र की दुर्गी टोला पंचायत के तेतरिया पहाड़ के पास 35 साल के गुली पहाड़िया ने सुअर मारने वाले बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा लिया। जैसे ही उसने उस गोले को चबाया, विस्फोट हो गया और उसका जबड़ा फट गया।
मौके पर ही शख्स की मौत हो गई। इस बाबत बोरिया थाना प्रभारी लव कुमार सिंह के मुताबिक गुली बोरियो हाट से झोले में जंगली सुअर मारने के लिए बारुद लेकर आ रहा था। इससे वह फसलों की सुअर से रखवाली करता था। बोरिया हाट से 20 किमी सफर करने के बाद वह रात में तेतरिया पहाड़ पहुंचा।
उस वक्त वह नशा में था। नशे में ही वह बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा गया। एक गोला उसने खाया और अपने डॉगी को भी खिलाया। बम खाने से दोनों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले का संज्ञान लिया। जांच के समय पुलिस को गुली के झोले में कुछ और बारूद के गोले मिले।
बताया जाता है कि बारुद का गोला बनाने के लिए बारूद के साथ शीशे व मांस के टुकड़े मिलाए जाते हैं। इन बमों को खेत के बीच में रखा जाता है। जब जंगली सुअर खेत में आता है, तो वह मांस की गंध की वजह से बम के पास जाता है और उसे खा लेता है।
इस तरह खेत की रक्षा हो जाती है। वहीं पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों के मुताबिक उनके इलाके में सुअरों से खेतों को बचाने के लिए बारूद के गोलों का इस्तेमाल करना आम बात है। ज्यादातर लोग अपने खेत बचाने के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन कोई उस बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा जाए, ऐसा पहली बार हुआ है।