टिकैत के टिकने से बढ़ी किसान आन्दोलन की धार, हरियाणा की सभी खापों ने उठाया ये कदम
अब किसान आन्दोलन को आसानी से खत्म करा दिया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उल्टा आन्दोलन अब किसानों के मान-सम्मान व स्वाभिमान का सवाल बन गया है। इसके पीछे पूरी तरह से किसान नेता राकेश टिकैत के आसूंओं का सैलाब है जिसने मरते हुए किसान आन्दोलन को एकाएक जीवंत बनाते हुए इसे नई धार दे दी है।
गाज़ियाबाद । गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद ऐसा माना जा रहा था कि किसान आन्दोलन को खत्म करने में सरकार को अब कोई दिक्कत नहीं होगी और अब किसान आन्दोलन को आसानी से खत्म करा दिया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उल्टा आन्दोलन अब किसानों के मान-सम्मान व स्वाभिमान का सवाल बन गया है।
इसके पीछे पूरी तरह से किसान नेता राकेश टिकैत के आसूंओं का सैलाब है जिसने मरते हुए किसान आन्दोलन को एकाएक जीवंत बनाते हुए इसे नई धार दे दी है। माना जा रहा है कि यह आन्दोलन अब पहले से और सशक्त हो चुका है। किसान अब यहां भारी तादात में पूरे जोश के साथ पहुंच रहे है। वहीं विपक्षीय राजनीतिक पार्टियां भी अब खुलकर किसानों का समर्थन कर रही हैं।
वहीं राकेश टिकैत के आंसुओं से किसान आंदोलन को एक नई धार मिल गई है। इतना ही नहीं टिकैत के टिके रहने के कारण अब वह किसान आन्दोलन का बड़ा चेहरा बनकर उभर आएं हैं। इसी बीच अब हरियाणा की खापें राकेश टिकैत से मिलने के लिए गाजीपुर बार्डर पर आने वाली हैं।
शुक्रवार सर्वखाप पंचायत में इसका फैसला लिया गया था। शुक्रवार को रोहतक के जाट भवन में सर्वखाप की पंचायत में कई खाप के पदाधिकारियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इसकी अध्यक्षता 84 खाप के प्रधान हरदीप सिंह अहलावत ने की और यहां तय हुआ कि हरियाणा की खापें अब किसान आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी और किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेगी।
वहीं भारतीय किसान यूनियन अंबावत के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने कहा कि किसान शांतिपूर्वक धरने पर थे, 26 जनवरी को जो हुआ वो साजिश थी। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने हर घर से एक-एक व्यक्ति को आंदोलन में भागीदारी करने का अह्वान किया। वहीं अभी तक राजनीतिक दल किसानों के आंदोलन का समर्थन तो कर रहे थे लेकिन खुलकर वो भी सामने आने से कतरा रहे थे।
हालांकि राकेश टिकैत के आंसुओं ने जैसे उन्हें भी झकझोरने का काम कर दिया हो, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी से लेकर यूपी के सपा और बसपा ने भी किसानों के हक में आवाज उठाई है। अब तक राकेश टिकैत से मिलने के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, आरएलडी के जयंत चौधरी, कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय लल्लू आ चुके हैं।
वहीं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, मायावती आदि ने ट्वीट कर किसानों के पक्ष में बात की है।
राहुल गांधी ने तो एक प्रेस क्रॉन्फ्रेंस भी की है। वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत के पास गाजीपुर बार्डर से पहुंची भाई के आंसुओं की तस्वीर व किसानों के आक्रोश के कारण उन्हें आन्दोलन को खत्म करने का फैसला वापस लेना पड़ा और रातों रात किसान महापंचायत बुलाने का ऐलान कर दिया गया। जिसके बाद से आन्दोलन पुनः जीवंत हो उठा है।