यूपी में आफत की बारिश से बच्चों को बचाने दो दिन बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान
प्रदेश के कई हिस्सों में फिर तूफानी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। गुरुवार को प्रदेश भर में बारिश के दौरान हादसों में 30 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हुए। राजधानी लखनऊ में बीते 36 घंटे में 222 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई। यहां तेज बारिश के दौरान खंभे में करंट उतरने से अलीगंज में एक किशोर की मौत हो गई।
लखनऊ। लौटता हुआ मौसम इन दिनों यूपी में खास मेहरबान हुआ। पिछले दो दिनों से लगातार रूक-रूक कर बारिश हो रही है। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश होने की आशंका जताई है। ऐसे में किसी बड़े नुकसान से बचने के लिए दो दिन तक शिक्षण संस्थानों को बंद करने का सीएम ने निर्देश दिया।
सीएम ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री निर्देश किए कि उच्च अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्यों पर नजर रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा के दृष्टिगत जनपदों में राहत कार्य प्रभावी रूप से कराए जाएं। आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जाए। जल-भराव की स्थिति में प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए। अधिकारियों को इस आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।
बारिश से 30 की मौत, कई घायल
प्रदेश के कई हिस्सों में फिर तूफानी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। गुरुवार को प्रदेश भर में बारिश के दौरान हादसों में 30 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हुए। राजधानी लखनऊ में बीते 36 घंटे में 222 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई।
यहां तेज बारिश के दौरान खंभे में करंट उतरने से अलीगंज में एक किशोर की मौत हो गई। वहीं मड़ियांव के मोहिबुल्लापुर स्टेशन के सामने मैदान के गड्ढे में भरे पानी में डूबकर दो किशोरों की मौत हो गई। ग्रामीण क्षेत्र में कुछ जगह मकान, दीवार गिरने की घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर जलभराव व पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। बरसात में फसलों, सब्जियों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
कानपुर में दो दिन से तेज हवाओं के साथ शुरू बारिश ने सात और लोगों की जान ले ली। इनमें सबसे अधिक फतेहपुर में चार, चित्रकूट, औरैया और उन्नाव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं कन्नौज में इंदरगढ़ थाने की बैरक की दीवार ढहने से दो सिपाही घायल हो गए और यहां चार गोवंश समेत कई बकरियां भी मर गईं।
बांदा में फसल सहित सब्जियों को खासा नुकसान हुआ है। खेत में मूंग, उर्द, तिल की फसल तैयार है, लेकिन बारिश से किसान फसल काटने व मड़ाई की हिम्म्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इटावा में जलभराव व कई जगह पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा।
औरैया में शहर से लेकर ग्रामीण इलाके जलमग्न हो गए। कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे टूटने से 200 गांवों की बिजली गुल हो गई। फर्रुखाबाद में कई स्थानों पर पेड़ टूटने से बिजली गुल हो गई। शहर के कई मोहल्लों में जलभराव होने से लोग परेशान रहे। सीएसए के मौसम विभाग के रिकार्ड के मुताबिक 16 सितंबर को कानपुर परिक्षेत्र में 15 साल बाद इतनी बारिश हुई है।
वाराणसी, आजमगढ़ व मिर्जापुर मंडल में आजमगढ़ वाराणसी और मिर्जापुर मंडल में बृहस्पतिवार को रुक रुक कर दिन भर बारिश होती रही। मकान गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई। जौनपुर के सरायखानी गांव में बुधवार की रात चार बजे एक कच्चा मकान ढह गया, जिसके मलबे में एक ही परिवार के पांच लोग दब गए।
इनमें बेटी सहित दंपती की मौत हो गई। जबकि दो लोग घायल हो गए। वहीं सिकरारा थाना क्षेत्र के सकल देल्हा गांव के यादव बस्ती में दीवार गिरने सो रही उर्मिला देवी (47) की मलबे में दबने से मौत हो गई। उधर, बलिया में दीवार गिरने से एक मुहिला की मौत हो गई।
मैनपुरी में तेज हवा और बारिश से कई बिजली के खंभे धराशायी हो गए। जिले भर में शाम पांच बजे तक हुई कुल 55 मिमी बारिश के चलते मौसम तो ठंडा रहा, लेकिन जलभराव मुसीबत बना गया।
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