ये हैं भारत के आठ सबसे बड़े बैंक, जमापूंजी में SBI तो ग्रोथ में BOB नंबर एक

टीम भारत दीप |
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विजया बैंक और देना बैंक को बैंक आॅफ बड़ौदा के साथ विलय किया गया हैं।
विजया बैंक और देना बैंक को बैंक आॅफ बड़ौदा के साथ विलय किया गया हैं।

भारत देश में कुल चार प्रकार के बैंक हैं- 1- काॅमर्शियल यानी वाणिज्यिक बैंक 2- स्माॅल फायनेंस यानी लघु वित्त बैंक 3- पेमेंट बैंक 4- को-आॅपरेटिव यानी सहकारी बैंक

व्यापार डेस्क। बैंकिग भारत की बड़ी आवश्यकता बन गई है। भारत में धन के असमान प्रवाह को नियमित करने में बैंक सबसे बड़ा योगदान देते हैं। बैंकों और बैंककर्मियों के कारण भारत में नोटबंदी जैसे अभूतपूर्व निर्णय आसानी से लागू हो पाए हैं। 

भारत में अक्सर बैंकों के बढ़ते एनपीए यानी गैर लाभकारी संपत्ति के बारे में ही चर्चा होती है। बीते कुछ महीनों से सरकारी बैंकों के निजीकरण का मुद्दा जोर से छाया हुआ है। हाल ही में बैंककर्मियों की वेतन वृद्धि के मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ। आइये आज हम आपको बताते हैं कि भारत में आखिर कितने प्रकार के बैंक हैं और उनमें से कौन से ऐसे बैंक हैं जो टाॅप 8 में जगह बनाए हुए हैं-

भारत में बैंक

काॅमर्शियल बैंक में वे बैंक आते हैं जिनका नाम अक्सर हम अखबारों या समाचार में सुनते रहते हैं, इनमें पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर, ग्रामीण बैंक और विदेशी बैंक शामिल हैं। पब्लिक सेक्टर के बैंक को साधारण बोलचाल की भाषा में सरकारी बैंक कहा जाता है, इनमें 50 प्रतिशत से अधिक पूंजी निवेश सरकार का होता है। जैसे- भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आॅफ बड़ौदा, बैंक आॅफ इंडिया आदि। 

प्राइवेट बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक आदि शामिल हैं। ग्रामीण बैंकों में अधिकांश पब्लिक सेक्टर के बैंकों के तहत ही खोले जाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य किसानों की जरूरतों के अनुसार वित्तीय सेवा उपलब्ध कराना हैं। हर क्षेत्र में ये अलग-अलग नाम से जाते हैं। 

विदेशी बैंक वे हैं, जिनका आधिकारिक कार्य विदेशों में होता हैं, भारत में केवल उनकी शाखाएं हैं। इनमें डीएसबी बैंक, बैंक एशिया, बैंक आॅफ ताइवान आदि। स्माॅल फाइनेंस बैंक भी प्राइवेट बैंक का ही एक प्रकार है लेकिन इन्हें सभी वित्तीय कार्य की अनुमति नहीं होती है। 

पेमेंट बैंक के माध्यम से केवल रूपयों का लेनदेन किया जा सकता है। जैसे- एयरटेल पेमेंट बैंक, पेटीएम पेमेंट बैंक आदि। सहकारी बैंक राज्य सरकारों के अधीन आते हैं ये शहरी और ग्रामीण दो प्रकार के होते हैं। ये सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नियमों के तहत ही कार्य करते हैं। 

बैंकों की रैंकिंग 
हम जिस रैंकिंग की बात कर रहे हैं वो भारत के काॅमर्शियल बैंकों के लिए है। इनमें आठ बैंकों की उनकी संपत्ति, जमा पूंजी, बढ़त आदि मानकों पर तुलना की गई हैं। इसमें कुल संपत्ति के मामले में भारतीय स्अेट बैंक नंबर एक पर है। वहीं नंबर दो पर एचडीएफसी बैंक और तीसरे पर बैंक आॅफ बड़ौदा है। 

कुल संपत्ति में ग्रोथ के मामले में बैंक आॅफ बड़ौदा नंबर एक पर है। हाल ही सरकार ने देश के कई पब्लिक सेक्टर बैंकों को मर्ज कर दिया था। इसमें विजया बैंक और देना बैंक को बैंक आॅफ बड़ौदा के साथ विलय किया गया हैं। 

5 साल की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट यानी सीएजीआर में प्राइवेट सेक्टर का एचडीएफसी बैंक सभी बैंकों में पहले स्थान पर है। मुख्य रूप से जमा के मामले में एसबीआई, ग्रोथ के मामले में बैंक आॅफ बड़ौदा और सीएजीआर में एचडीएफसी बैंक बढ़त बनाए हुए है।


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