आठ साल बाद फिर खाकी पर दबंगों का वार, दो दरोगा समेत 5 पुलिस वाले घायल
इस दौरान कंधई थाने में तैनात दरोगा शैलेन्द्र तिवारी, दिलीपपुर चौकी इंचार्ज जयशंकर तिवारी घायल हुए हैं। जबकि तीन सिपाहियों को भी गंभीर चोटें आई हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रतापगढ़। 2013 में दबंगों ने खाकी से खून की होली खेली थी। इसके बाद फिर रविवार शाम को 8 साल बाद खाकी वालों से मारपीट की घटना सामने आई है।
जानकारी के अनुसार प्रतापगढ़ जिले में रविवार शाम को नाली के विवाद में झगड़े की सूचना पर विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस पर दबंगों ने हमला कर दिया। इस दौरान दो दरोगा समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
वहीं कंधई थाने के प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। जब हमले की जानकारी पाकर और पुलिस फोर्स पहुंची तो हालात पर काबू पाया गया। गांव में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। आरोपियों की धरपकड़ जारी है।
शिवसत गांव का मामला
यह पूरा मामला प्रतापगढ़ जिले के कंधई थाना क्षेत्र के शिवसत गांव का है। इसी गांव के निवासी जयहिंद सिंह और कोटेदार रामेंद्र सिंह उर्फ डॉक्टर के बीच लंबे समय से नाली को लेकर विवाद चल रहा था, कई बार दोनों गुट आमने- सामने आ चुके हैं।
रविवार शाम एक बार फिर दोनों परिवारों के बीच पहले मुहंवाद शुरू हुआ इसके बाद मारपीट होने लगी। किसी ग्रामीण ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे। दोनों पक्षों को शांत कराकर नाली विवाद सुलझाने लगे। इसी बीच रामेंद्र सिंह पक्ष के लोगों और पुलिस के बीच कहासुनी होने लगी।
बात बढ़ी तो रामेंद्र पक्ष के लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव और लाठी-डंडे से हमला बोला दिया। इस दौरान कंधई थाने में तैनात दरोगा शैलेन्द्र तिवारी, दिलीपपुर चौकी इंचार्ज जयशंकर तिवारी घायल हुए हैं। जबकि तीन सिपाहियों को भी गंभीर चोटें आई हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस कर्मियों पर हमले की सूचना मिलने ही कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ अफसर मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक कोटेदार रामेंद्र सिंह उर्फ डॉक्टर अपने साथियों के साथ गांव छोड़कर फरार हो चुका था। पुलिस पर हमला करने वाला रामेंद्र रानीगंज विधायक धीरज ओझा का करीबी है और उनके होटल पर मैनेजर भी बताया जा रहा है।
आरोपियों पर होगी कठोर कार्रवाई
वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेंद्र द्विवेदी का कहना है कि नाली के विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर दबंगो ने हमला किया। दो पुलिस कर्मी गंभीर रूप से जख्मी हैं। दबंगों की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। उनके विरुद्ध मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
2013 में सीओ जियाउल हक की हुई थी हत्या
प्रतापगढ़ में 2013 का हत्याकांड कौन भूल सकता है, दो पक्षों का विवाद निपटाने पहुंचे तत्कालीन सीओ जियाउल हक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। मालूम हो कि इस हत्याकांड का आरोप तत्कालीन बाहुबलि विधायक राजा भैया पर लगा था।
2020 का बिकरू कांड
साल 2020 में 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव की वारदात को कैसे भूला दें। किस प्रकार माफिया विकास दुबे के गुर्गो ने आठ पुलिस कर्मियों को घेरकर गोलिया से भून दिया था।
इस वारदात की अभी तक जांच जारी है, हालांकि मुख्य आरोपित विकास दुबे इंकाउंटर में मारा गया । लेकिन अभी कई आरोपित पुलिस की गिरफ्त से दूर है।