चुनावी चकल्लसः कही नाक की लड़ाई तो कही अपनों के खिलाफ मैदान में माननीय

टीम भारत दीप |

लतिका सुभाष ने रोते हुए कहा कि मैंने पार्टी में उन सभी महिलाओं के विरोध के तौर पर अपना सिर मुंडाया है।
लतिका सुभाष ने रोते हुए कहा कि मैंने पार्टी में उन सभी महिलाओं के विरोध के तौर पर अपना सिर मुंडाया है।

यहां ममता बनाम मोदी की लड़ाई होती जा रही है। बिखरा हुआ विपक्ष मोदी को चुनौती देने के लिए साथ दे रहा है तो बीजेपी के विकास के सब्जबाग दिखाकर वोटरों को लुभा रही है। पश्चिम बंगाल विपक्ष की एक अनोखी एकता देखने को मिलेगी।

नईदिल्ली। इस समय देश में पांच राज्यों विधान सभा के चुनाव के लिए सियासी समीकरण बैठाए जा रहे है। कही टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी मैदान में दिन -रात मेहनत कर रहे है तो कहीं टिकट नहीं मिलने पर असंतोष देखने को मिल रहा है।

इन सब में सबसे ज्याद चर्चा पश्चिम बंगाल की हो रही है।  यहां ममता बनाम मोदी की लड़ाई होती जा रही है। बिखरा हुआ विपक्ष मोदी को चुनौती देने के लिए साथ दे रहा है तो बीजेपी के विकास के सब्जबाग दिखाकर वोटरों को लुभा रही है।  

पश्चिम बंगाल  विपक्ष की एक अनोखी एकता देखने को मिलेगी। यहां बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों ने न सिर्फ तृणमूल कांग्रेस को समर्थन दिया बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए कैंपेन भी करेंगे।

ममता के लिए चुनाव प्रचार करने वालों की लिस्ट में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव शामिल हैं।

मोदी बनाम ममता में जंग तेज

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने तारीखें भी तय कर दी हैं। बंगाल में चुनाव को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच जंग माना जा रहा है। ऐसे में बीजेपी विरोधी दल देशभर में ममता के समर्थन में उतरने लगे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस-लेफ्ट- आईएसफ गठबंधन को छोड़कर टीएमसी के साथ खड़े हो रहे हैं। 

बिना चुनाव के प्रचार

लेफ्ट पार्टियां आमतौर पर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ होती हैं और एनडीए-बीजेपी के खिलाफ। बंगाल में ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि जहां ये पार्टियां चुनाव नहीं लड़ रही हैं, वहां भी बड़े नेता समर्थन दे रहे हैं।

बंगाल की सीमा झारखंड और बिहार से लगती है और वहां के लोगों के साथ-साथ वहां रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों को भी लुभाने की कोशिश इन पार्टियों के नेताओं के जरिए की जाएगी।

केरल में असंतोष की लहर, महिला कांग्रेस प्रमुख ने दिया इस्तीफा

इसी तरह केरल में इन दिनों हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। यहां  रविवार को महिला कांग्रेस की केरल इकाई की अध्यक्ष लतिका सुभाष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लतिका सुभाष एत्तूमनूर सीट से टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराज थीं।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक लतिका सुभाष एत्तूमनूर सीट से टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराज थीं। विरोध जताने के लिए तिरुवनंतपुरम में पार्टी कार्यालय के सामने बैठकर अपने सिर के बाल भी मुंड़ा लिए। 

बताया जाता है कि नई दिल्‍ली में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन की ओर से उम्मीदवारों की लिस्‍ट जारी करने के बाद सुभाष ने तिरुवनंतपुरम स्थित पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उम्मीदवारों में महिला प्रत्‍याशी कम हैं।

20 फीसद सीटें मांगी थीं

कांग्रेस की ओर से जारी की गई 86 उम्मीदवारों की सूची में केवल नौ महिलाएं हैं। लतिका सुभाष ने कहा कि वह ऐसे पद पर नहीं रहना चाहती हैं जो उन्हें एक चुनाव टिकट भी नहीं दिला सके। 

लतिका सुभाष ने रोते हुए कहा कि मैंने पार्टी में उन सभी महिलाओं के विरोध के तौर पर अपना सिर मुंडाया है। उन्‍होंने कहा कि मैं उम्मीदवारों की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करती रही हूं। मुझे नेतृत्व द्वारा दरकिनार और नजरअंदाज किया गया। हमने महिलाओं के लिए 20 फीसद सीटें मांगी थीं। 


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