गोरखपुर की सड़कों पर पहली बार दौड़ीं इलेक्ट्रिक बसें, लोगों को कराएगी सस्ता सफर
अब गोरखपुर भी मेट्रोपोलिटन सिटी जैसा हो गया है। अब रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मेडिकल कालेज, नौसढ़ और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच आवागमन करने में कहीं कोई परेशानी नहीं होगी। कम किराए पर आरामदायक सफर होगा।
गोरखपुर। योगी के गृह जनपद गोरखपुर में लोगों को सस्ता और प्रदूषण रहित सफर कराने के लिए सड़कों पर छह इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल हुआ। महेसरा-नगर निगम-गोलघर-कालीमंदिर-गोरखनाथ मंदिर-महेसरा रूट पर करीब पांच घंटे चलने के बाद सभी बसें ट्रायल में पास हो गईं।
अब जल्द ही महेसरा डिपो में खड़ी 15 इलेक्ट्रिक बसें शहर के निर्धारित तीन रूटों पर चलने लगेंगी। महेसरा से चलकर जैसे ही बसें नगर निगम परिसर पहुंची आम लोगों के लिए चर्चा का विष बन गईं। लोग उसे देखने लगे। इसके साथ ही कहने भी लगे, अब गोरखपुर भी मेट्रोपोलिटन सिटी जैसा हो गया है।
अब रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मेडिकल कालेज, नौसढ़ और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच आवागमन करने में कहीं कोई परेशानी नहीं होगी। कम किराए पर आरामदायक सफर होगा। चालक राजेश ने बताया कि बस पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक है। इसकी बनावट ऐसी है कि भीड़ में भी अपने लिए रास्ता बना लेगी।
जरूरत के हिसाब से चलेंगी बसें
ट्रायल के दौरान महापौर सीताराम जायसवाल और नगर आयुक्त अविनाश सिंह सहित गण्यमान्य लोगों ने भी सफर किया। महापौर ने कहा कि महानगर के लोगों का आवागमन और आसान हो जाएगा।
आवश्यकता पड़ी तो रूट में बदलाव किया जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि जल्द ही बसों का नियमित संचालन शुरू हो जाएगा। जानकारों का कहना है कि बसों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरी झंडी दिखाएंगे। तैयारी चल रही है।
एक बार चार्ज होने पर 120 किमी चलेगी बस
महेसरा डिपो के प्रबंधक केके मिश्रा के अनुसार बस 45 मिनट में चार्ज होगी। एक बार चार्ज होने के बाद 120 किमी चलेगी। सभी 15 बसें चार्ज हो गई हैं। कर्मचारी भी बसों के संचालन को लेकर उत्सुक हैं। दिशा-निर्देश मिलते ही निर्धारित रूटों पर बसों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा।तीन रूटों पर चलेंगी बसें, पांच से 25 रुपये होगा किराया
तीन रूटों पर चलेंगी बसें
जिला प्रशासन से मिली अधिकृत सूचना के अनुसार शहर में तीन रूटों पर बस चलाने की तैयारी है। रूट भी लगभग तैयार कर लिया गया है। तीन किलोमीटर तक की यात्रा के लिए पांच रुपये खर्च करने पड़ेंगे। अधिकतम 25 रुपये किराया होगा।हालांकि, किराये में भी संशोधन को लेकर विभागीय स्तर पर मंथन चल रहा है।
37 चालक दल में शहर की पूजा प्रजापति भी शामिल है। दिव्यनगर निवासी पूजा ने बातचीत में बताया कि वह दिल्ली और लखनऊ में इलेक्ट्रिक बस चला चुकी हैं। मौका मिला तो गोरखपुर आ गई। अपने शहर में बस चलाना अच्छा लग रहा है। गोरखपुर के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। बसों के चलने से आम लोगों को राहत तो मिलेगी ही, रोजगार भी उपलब्ध होंगे। महिला चालकों के लिए भी रोजगार का शानदार अवसर है।
एक नजर में बस
- 28 सीटों वाली इलेक्ट्रिक बस पूरी तरह वातानुकूलित है।
- बस में पांच सीसी कैमरे लगे हैं। सुरक्षा की पूरी व्यवस्था।
- डिस्प्ले बोर्ड पर मिलती रहेगी अगले स्टेशन की जानकारी।
- लाइट की उत्तम व्यवस्था, सीटे की बनावट आरामदायक।
- धूमपान करने पर बस के अंदर बज जाएगा अलार्म।
- इमरजेंसी में कहीं भी खड़ी हो जाएगी बस।
- सांसद और विधायक के लिए दो सीटें आरक्षित।
- महिलाओं के लिए चार व दिव्यांगों के लिए दो सीट।
- दिव्यांग यात्रियों के लिए रैंप की भी व्यवस्था।
- अधिकतम 40 किमी प्रति घंटे होगी बस की रफ्तार।
- बसों के चलने पर नहीं होगी आवाज, धुआं भी नहीं निकलेगा।
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