शर्मनाक: नोएडा में संक्रमित महिला की मौत के बाद चुराई कान की बालियां

टीम भारत दीप |

झांसी में भी ऐसा गिरोह पकड़ा गया था, जो ऐसे मृतकों के शवों से सामान चुराते थे।
झांसी में भी ऐसा गिरोह पकड़ा गया था, जो ऐसे मृतकों के शवों से सामान चुराते थे।

9 मई को हालत बिगड़ गई तो ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन सीमा ने दम तोड़ दिया। वह शव लेने पहुंचे तो सीमा के कान से चार बालियां गायब थीं। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इसकी शिकायत की तो प्रबंधन ने शुरू में आनाकानी की।

नोएडा। एक तरफ तो कोरोना महामारी लोगों को जीवन भर का दर्द दे रहे है। दूसरी तरफ धरती पर भगवान का साथ देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी ऐसे पीड़ितों को लूटने से बाज नहीं आ आ रहे है।

प्रदेश के किसी न किसी जिले के अस्पतालों से स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा संक्रमितों के मरने के बाद उनकी सामान चुराने का मामला सामने आया है।ताजा मामला ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल से सामने आया है। यहां भर्ती की गई महिला मरीज की मौत के बाद उसके कान से चार बालियां चोरी कर ली गई।

हैरानी की बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन मामले में ठोस कार्रवाई के बजाय सुरक्षा एजेंसी को जिम्मेदार ठहराकर मृतका के पति को बालियां वापस करने के लिए चक्कर लगवा रहा है। मामला संज्ञान में आने पर सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मूलरूप से बुलंदशहर के अनूपशहर निवासी लोकेंद्र ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं और परिवार के साथ दादरी में रहते हैं। उनके दो बच्चे हैं। पत्नी सीमा (35) कोरोना संक्रमित हो गई थी।

संक्रमित महिला की मौत के बाद एंबुलेंस चालक शव को बगीचे में छोड़कर भागा, घर वाले भी नहीं पहुंचे

टेस्ट आदि के बाद ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल से होम क्वारंटीन की सलाह दी गई। इसके बाद सीमा का घर से इलाज चलने लगा, लेकिन 9 मई को हालत बिगड़ गई तो ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन सीमा ने दम तोड़ दिया।

वह शव लेने पहुंचे तो सीमा के कान से चार बालियां गायब थीं। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इसकी शिकायत की तो प्रबंधन ने शुरू में आनाकानी की, लेकिन बाद में सिक्योरिटी कंपनी से जल्द बालियां दिलाने का आश्वासन दिया।

होम आइसोलेशन में रह रहे पिता-पुत्र की मौत, पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर शव निकाला

शनिवार को लोकेंद्र फिर से अस्पताल पहुंचे और बालियां लौटाने की मांग की, लेकिन प्रबंधन ने फिर से कुछ दिन बाद आने की बात कहकर टरका दिया।लोकेंद्र ने बताया कि उन्होंने पत्नी को भर्ती कराने के दौरान 50 हजार रुपये पहले जमा किए गए थे।

मौत के बाद भी कई घंटे तक बिल बढ़ाया गया और शव मांगने पर 1.17 लाख का बिल थमा दिया गया। यह नोएडा का इकलौता मामला नहीं है, इसके बाद झांसी में भी ऐसा गिरोह पकड़ा गया था, जो ऐसे मृतकों के शवों से सामान चुराते थे। 


संबंधित खबरें