प्रवर्तन निदेशालय ने देश के बड़े भगोड़ों से वसूल कर बैंकों को इतने करोड़ रुपये लौटाए
ईडी के मुताबिक विजय माल्या और पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की 40 फीसदी राशि पीएमएलए के तहत जब्त शेयरों की बिक्री के जरिए वसूली गई। इन तीन भगौड़ों ने बैंकों से बड़ी रकम की हेराफेरी करके कुल 22,586 करोड़ रुपयों का चूना लगाया था।
नई दिल्ली। देश के बैंकों से कर्ज लेकर न लौटाने वाले तीन बड़े भगोड़ों से प्रर्वतन निदेशालय यानि ईडी ने 9,371.17 करोड़ रुपये जब्त कर बैंकों को लौटाए है। ईडी की इस कार्रवाई से कोरोना काल में बैकों को घाटे से उबरने में बड़ी मदद मिली है।
मालूम हो कि देश तीन बड़े भगौड़े विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से वसूली शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी जब्त संपत्ति का एक हिस्सा सरकारी बैंकों और केंद्र को ट्रांसफर कर दिया है।
ईडी के मुताबिक इन लोगों की 18,170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी जिसमें से 9,371.17 करोड़ रुपये के एसेट्स बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
ईडी के मुताबिक विजय माल्या और पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की 40 फीसदी राशि पीएमएलए के तहत जब्त शेयरों की बिक्री के जरिए वसूली गई। इन तीन भगौड़ों ने बैंकों से बड़ी रकम की हेराफेरी करके कुल 22,586 करोड़ रुपयों का चूना लगाया था।
चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है। दोनों के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रहा है। वहीं माल्या ने SBI समेत दूसरे बैंकों से 9000 करोड़ से ज्यादा हड़प लिए थे। ये धोखाधड़ी लोन के नाम पर हुई थी।
उधर, एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि वह हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के अपरहण के संबंध में कोई निर्णायक सबूत मिलने के बारे में अवगत नहीं हैं।
लेकिन सार्वजनिक रूप से यह जानकारी है कि चोकसी का अपहरण किया गया था और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपनी जांच में संभवत: ऐसे लोगों का पता लगाया है, जिनके पास इस संबंध में जानकारी हो सकती है।
चोकसी सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक से लगभग 13,500 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में भारत में वांछित है। वह 2018 से एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिक के तौर पर रह रहा है और वहां से 23 मई को रहस्यमय तरीके से लापता हो गया।
ब्राउन ने कहा कि मुझे सबूतों की जानकारी नहीं है, लेकिन पब्लिक डोमेन में यह जानकारी है कि मेहुल चोकसी का अपहरण किया गया था। मुझे पता है कि यहां कानून प्रवर्तन ने जांच की है और उन्होंने संभवत: ऐसे लोगों का पता लगाया है, जिनके पास इस संबंध में जानकारी हो सकती है, लेकिन जहां तक साक्ष्य की बात है तो मुझे यह जानकारी नहीं है कि ऐसा कोई निर्णायक सबूत है या नहीं।
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