बिहार के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत ,जेल प्रशासन ने बताया अफवाह
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बाहुबली की तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को दो दिन पहले ही बेहतर इलाज कराने का निर्देश दिया था। जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा था कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर उनकी सेहत का ख्याल रखें।
बिहार। बिहार के सीवान जिले के दबंग सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का शनिवार सुबह निधन हो गया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जेल प्रशासन के हवाले से इसे एक अफवाह बताया गया।
शहाबुद्दीन हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। फिलहाल उनका यहां के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।दरअसल तिहाड़ जेल प्रशासन को बिहार के बाहुबली और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने का पता 20 अप्रैल को लगा।
जब उसकी हालत बिगड़ने लगी और उसके शरीर में कोरोना के लक्षण नजर आने पर उसकी जांच कराई गई तो कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद बा उसका इलाज चल रहा था।
कोर्ट ने दिया था बेहतर इलाज कराने का निर्देश
बाहुबली की तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को दो दिन पहले ही बेहतर इलाज कराने का निर्देश दिया था। जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा था कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर उनकी सेहत का ख्याल रखें।
इससे पहले शहाबुद्दीन की तरफ से कोर्ट में यह कहा गया था कि उनका इलाज ठीक तरीके से नहीं हो रहा है इसके साथ कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दिन भर में दो बार घर बात करने की इजाजत भी दी थी।
उम्र कैद की सजा काट रहा था पूर्व सांसद
शहाबुद्दीन पर करीब 30 से ज्यादा केस दर्ज थे। 15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था। तिहाड़ से पहले वे बिहार की भागलपुर और सीवान की जेल में भी लंबे समय तक सजा काट चुके थे।
2018 में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए, लेकिन जमानत रद्द होने की वजह से उन्हें वापस जेल जाना पड़ा। मालूम हो कि इससे पहले पिछले साल सितंबर में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह (90 वर्ष) का निधन हो गया था।
उस वक्त तिहाड़ में बंद पूर्व सांसद को पैरोल पर लाने की मंजूरी नहीं मिल पाई थी। हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं। 15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था।
अकेले बैरक में था माफिया
तिहाड़ जेल में शहाबुद्दीन को एकदम अलग बैरक में रखा गया था। उस बैरक में शहाबुद्दीन के अलावा कोई दूसरा कैदी नहीं था। जेल के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि तिहाड़ में तीन ऐसे कैदी (शहाबुद्दीन, छोटा राजन और नीरज बवाना) हैं जिनको अलग-अलग बैरकों में अकेला रखा गया है। इनका किसी से भी मिलना-जुलना नहीं होता है। पिछले 20-25 दिनों से इनके परिजनों को भी इन कैदियों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।