कोरोना संक्रमण और ठंड पर आस्था भारी, संगम में डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालु
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माघ मेला के पहले स्नान पर्व पर कोरोना संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भरी पड़ रही है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर संगम सहित गंगा तथा यमुना के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान और पूजा अर्चना का क्रम शुरू हो गया। संगम में सनान करने वालेे श्रद्धालुओं की संख्या दिन चढ़ने के साथ ही लगातार बढ़ता रहा है।
प्रयागराज। मकर संक्रााति के अवसर पर प्रयागराज में श्रद्धा का अदभूत संगम बुधवार को देखने को मिला। गंगा में स्नान करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और सूरज की पौ फूटने से पहले संगम में स्नान करने वालों का तांता लग गया।
माघ मेला के पहले स्नान पर्व पर कोरोना संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भरी पड़ रही है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर संगम सहित गंगा तथा यमुना के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान और पूजा अर्चना का क्रम शुरू हो गया। संगम में सनान करने वालेे श्रद्धालुओं की संख्या दिन चढ़ने के साथ ही लगातार बढ़ता रहा है।
प्रयागराज में लगने वाले माघ मेला में इस बार कोरोना गाइड लाइन के पालन करना है, इसलिए श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम है। प्रयागराज की तरह कानपुर, वाराणसी, फर्रुखाबाद और गड़मुक्तेश्वर में भी श्रद्धालु सुबह से ही पुण्य की डुबकी लगाने स्नान घाटों पर पहुंचने लगे।
हर- हर गंगे के जयघोष से शुरू हुआ स्नान
श्रद्धालु हर.हर गंगे, जय मां गंगे के जय घोष के साथ मकर संक्रांति पर्व का पुण्य प्राप्त करने को गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। इस दौरान कई स्नान घाटों पर स्नान के मद्देनजर कोविड.19 प्रोटोकाल का पालन होता नजर नहीं आ रहा है।
इस बार पांच ग्रह एक साथ
सूर्य के मकर राशि के प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति प्रातः सूर्योदय के बाद पुण्यकाल में पवित्र स्थानों पर स्नान दान का महत्व होता है। इस पुण्यकाल में स्नान, सूर्य उपासना, जप ,अनुष्ठान, दान.दक्षिणा करते है।
काले तिल- गुड़, खिचड़ी, कंबल व लकड़ी के दान का विशेष महत्व है। 14 जनवरी के बाद मलमास के कारण रूके हुए मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस बार गुरु शुक्र अस्त के चलते विवाह आदि मांगलिक कार्य अप्रैल से होंगे।
सूर्य सुबह 8.30बजे उत्तरायण हुआ और मकर राशि में प्रवेश कर गया। सुबह 8.30 बजे से शाम 5. 34 तक रहेगा। संक्रांति में दान और स्नान का महत्व है।