असली दरोगा से जा भिड़ा नकली, अब पहुंचा हवालात, पढ़ें पूरी खबर
चौकी इंचार्ज को अर्दब में लेते हुए उनकी मोटरसाइकिल हड़पने की कोशिश कर रहा था। लेकिन इस फर्जी दरोगा को असली दरोगा से भिड़ना भारी पड़ गया। दरअसल चौकी इंचार्ज को अर्दब में ले रहे फर्जी दरोगा पर शक होने पर जब उससे पूछताछ की गई तो सारे मामले का खुलासा हो गया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बाजार खाला पुलिस ने एक ऐसे जालसाज फर्जी दरोगा को बावर्दी गिरफ्तार किया है जो अपने आप को 2013 बैच का सब इंस्पेक्टर बता कर चौकी इंचार्ज को अर्दब में लेते हुए उनकी मोटरसाइकिल हड़पने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन इस फर्जी दरोगा को असली दरोगा से भिड़ना भारी पड़ गया। दरअसल चौकी इंचार्ज को अर्दब में ले रहे फर्जी दरोगा पर शक होने पर जब उससे पूछताछ की गई तो सारे मामले का खुलासा हो गया। अब बाजार खाला पुलिस ने मूल रूप से मर्यादपुर मऊ के रहने वाले रितेश कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार किए गए फर्जी उप निरीक्षक के पास से फर्जी आई कार्ड भी बरामद हुआ है। गिरफ्तार किए गए फर्जी दरोगा ने गुरुवार को ऐशबाग चौकी इंचार्ज राकेश चौरसिया को कॉल कर उनकी मोटरसाइकिल मांगी गई थी ।
अपने आप को सब इंस्पेक्टर बताने वाले जालसाज रितेश कुमार मिश्रा ने राकेश चौरसिया से कहा था कि वह 2013 बैच का सब इंस्पेक्टर है और वो उन्हें बखूबी जानता है । ऐशबाग चौकी इंचार्ज द्वारा जब ऐशबाग पुल के पास मिले रितेश कुमार मिश्रा से उनका परिचय पूछा गया तो राकेश चौरसिया को उस पर शक हुआ ।
शक के आधार पर थाने लाए गए रितेश मिश्रा से जब पूछताछ की गई तो पहले उसने अपने आपको आईजी वाराणसी आफिस में तैनात बताया लेकिन सख्ती से हुई पूछताछ के बाद वो टूट गया और उसने बताया कि वह होमगार्ड का प्रशिक्षक है।
फर्जी दरोगा द्वारा पुलिस को बताया गया कि वो लखनऊ 26 जनवरी की परेड में भाग लेने आया था। पुलिस ने वर्दी को दागदार कर वर्दी की आड़ में अवैध काम करने वाले फर्जी उपनिरीक्षक रितेश कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इंस्पेक्टर बाजार खाला ने बताया कि रितेश कुमार मिश्रा वाराणसी का रहने वाला है जबकि उसके पास से मिले फर्जी आई कार्ड पर उसका पता मर्यादपुर मऊ लिखा है। ऐशबाग चौकी इंचार्ज राकेश चौरसिया के मुताबिक उनकी मोटर साइकिल हड़पने की कोशिश करने वाला फर्जी दरोगा रितेश कुमार मिश्रा लंबे समय से वर्दी का दुरुपयोग कर रहा था।
उन्होंने बताया कि डील डौल बॉडी लैंग्वेज और बोलचाल से वास्तविक दरोगा दिखने वाला जालसाज रितेश कुमार मिश्रा पुलिस विभाग में कई दरोगाओ से अपने आप को सब इंस्पेक्टर बताता था उन्होंने बताया कि अभी यह कंफर्म नहीं हो पाया है कि वास्तव में रितेश मिश्रा होमगार्ड का प्रशिक्षक है भी या नहीं।
उनके मुताबिक पूछताछ में जालसाज ने उन्हें बताया कि उसके पास जो उनका नंबर था वह उसे किसी व्हाट्सएप के ग्रुप से मिला था। उन्होंने बताया कि यह नंबर उनका पारिवारिक नंबर है। यह नंबर इसे कैसे मिला, यह भी हैरत की बात है।
वहीं पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वर्दी का रौब गांठने वाले फर्जी दरोगा ने वर्दी का दुरुपयोग करते हुए अब तक कितने लोगों को अपनी मक्कारी से चूना लगाया है।