पिता का सपना पूरा करने बना फर्जी दरोगा पकड़ा गया, जानें पूरा सच
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अभी तक फिल्मों में मां- बाप का सपना पूरा करने के लिए बेटा बाजार से वर्दी खरीदकर उन्हें पहनकर बताता कि वह पुलिस अधिकारी बन गया है। कुछ ऐसा ही मामला अलीगढ़ में सामने आया है। यहां एक फर्जी दरोगा पुलिस के हत्थे लगा जो चार से लोगों को बेवकूफ बना रहा था, लोगों से ठगी कर रहा था।
अलीगढ़। अभी तक फिल्मों में मां- बाप का सपना पूरा करने के लिए बेटा बाजार से वर्दी खरीदकर उन्हें पहनकर बताता कि वह पुलिस अधिकारी बन गया है।
कुछ ऐसा ही मामला अलीगढ़ में सामने आया है। यहां एक फर्जी दरोगा पुलिस के हत्थे लगा जो चार से लोगों को बेवकूफ बना रहा था, लोगों से ठगी कर रहा था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस ने बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
अलीगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़े फर्जी दारोगा विजय कुमार का कहना है कि उनके पिता का सपना था कि बेटा दारोगा बने, लेकिन दो बार परीक्षा देने के बाद भी वह सफल नहीं हो सका।
इसके बाद उसने परिजनों को धोखा देते हुए खुद के दारोगा बन जाने की झूठी कहानी गढ़ ली। सच्चाई छिपाते हुए दो साल पहले मनमाफिक दहेज लेकर शादी रचा ली।
इस तरह भांडा फूटा: पुलिस की वर्दी का रौब जमाकर चार साल से लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले फर्जी दारोगा को गांधीपार्क पुलिस ने दबोच लिया। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बुधवार को बताया कि पिछले काफी समय से एक दारोगा के गांधीपार्क क्षेत्र में लोगों वसूली की शिकायतें मिल रही थीं।
इंस्पेक्टर गांधीपार्क हरिभान सिंह राठौर को जानकारी मिली कि बुलेट सवार फर्जी दारोगा वर्दी पहनकर बौनेर की ओर जा रहा है। फर्जी दारोगा विजय कुमार पुत्र सोनपाल सिंह निवासी दानगढ़, डिबाई ( बुलंदशहर) को पकड़ लिया।आरोपित ने बताया कि उसने वर्ष 2015 में पुलिस दारोगा की परीक्षा दी थी, जिसमें वह फेल हो गया।
इसके बाद उसने घर वालों को धोखा देते हुए खुद के दारोगा बनने की जानकारी दे दी। फिर वह दारोगा की वर्दी पहनने के साथ ही बुलेट लेकर लोगों पर रौब जमाकर उनसे ठगी करता था।
अपनी तैनाती अलग-अलग स्थानों पर बताता था।कभी जीआरपी तो कभी एसटीएफ में तैनाती बताई। इस दौरान उसने धोखे से सासनीगेट इलाके की युवती के स्वजन से लाखों का दहेज लेकर करीब दो साल पहले शादी रचा ली थी।
यह मिला फर्जी दरोगा के पास से: कार्रवाई के दौरान फर्जी पास से दारोगा की दो वर्दी, जूते, बेल्ट, पी-कैप, स्टार, नेम प्लेट के अलावा बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, दो मोबाइल फोन व एक डायरी व फाइल जिसमें विभिन्न मुकदमों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
2016 से कर रहा था ठग: पुसिल पुछताछ में विजय कुमार ने पुलिस को बताया कि उसने 2014 -15 में दारोगा की दो बार परीक्षा दी थी। दोनों ही बार वह फेल हो गया । इस पर उसने फर्जी दारोगा बनने के साथ ही बुलेट बाइक खरीद कर वर्दी भी सिलवा ली थी। 2016 से लगातार लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था।
पत्नी को शुरू से था शक: शादी के बाद से ही पत्नी आरती को कथित दारोगा पति पर शक था। वह जब भी उससे हर महीने खर्चा देने की मांग करती तो वह सैलरी समय से न आने का बहाना बनता था। कभी अपनी तैनाती कानपुर तो कभी बस्ती और आगरा बताता था। साथ चलने पर वह सरकारी आवास न मिलने की बात कहकर उसे टाल देता था ।