बैंकों से निरस्त हुए चेकों के माध्यम से फर्जी इंस्पेक्टर करता था ठगी, गिरफ्तार
इसके बाद कृष्णकांत पुलिस की वर्दी में लोगों के घर जाता था और उनसे उनके लोन से संबधित जांच की बात कहकर कैंसिल चेक ले लेता था। आरोपित ने बताया कि एक साथ वह सैकड़ों की संख्या में कैंसिल चेक बैंक में लगाता था और फिर इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सर्विस के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करा लेता था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की साइबर क्राइम सेल लखनऊ ने गुरुवार देर रात एक फर्जी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया। पुछताछ में सामने आया कि आरोपित पुलिस की वर्दी में टहलता था।
आरोपित बैंकों द्वारा कैंसिल चेक के माध्यम से कई लोगों के खाते से थोड़ी -.थोड़ी करके रकम उड़ा लेता था। पूछताछ में वृंदावन कॉलोनी सेक्टर सात सी निवासी कृष्णकांत राव ने बताया कि वह अपने एक दोस्त से विभिन्न बैंकों के कैंसिल चेक का डाटा खरीदता था।
इसके बाद कृष्णकांत पुलिस की वर्दी में लोगों के घर जाता था और उनसे उनके लोन से संबधित जांच की बात कहकर कैंसिल चेक ले लेता था। आरोपित ने बताया कि एक साथ वह सैकड़ों की संख्या में कैंसिल चेक बैंक में लगाता था।
फिर इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सर्विस के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करा लेता था। लोगों के खाते से ढाई सौ से तीन सौ रुपये एक साथ प्रति माह कटते थे। कई लोग इस ओर ध्यान नहीं देते थे और आरोपित के खाते में हर माह मोटी रकम पहुंच जाती थी।
कृष्णकांत ने ठाकुरगंज इलाके में कई लोगों से कैंसिल चेक लेकर ठगी की थी। रुपये कटने का मैसेज आने के बाद लोग थाने पहुंचे। एसएसआई ठाकुरगंज संजय द्विवेदी के खिलाफ कुछ लोगों ने इस फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दे दिया था।
साइबर सेल की टीम ने जब आरोपित के घर में दबिश दी तो वह पुलिस की वर्दी में मिला। आरोपित ने नेम प्लेट पर जितेंद्र सिंह लिखवा रखा था। कृष्णकांत के पिता जगदीश सचिवालय में चालक के पद से सेवानिवृत हैं। कृष्णकांत ने लखनऊ विवि से स्नातक की पढ़ाई की है। ठाकुरगंज पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।