फिरोजाबाद में कोरोना संक्रमित की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा, तोड़फोड़

टीम भारत दीप |

ये लोग मुझे मार देंगे। खाना नहीं दिया जाता, दवा नहीं दी जाती, मेरा दम घुट रहा है।
ये लोग मुझे मार देंगे। खाना नहीं दिया जाता, दवा नहीं दी जाती, मेरा दम घुट रहा है।

पति के कपड़े देख चारुल की चीख निकल गई। इस पर अस्पताल के बाहर परिवार के अन्य सदस्य भी अस्पताल में पहुंच गए। विकास के गायब होने की खबर मिलते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। 

फिरोजाबाद। कोरोना वायरस की वजह से हर जगह व्यवस्थाएं पटरी से उतरती दिख रही है। संक्रमितों और मृतक संख्या के बढने से कोविड अस्पतालों में काम करने वालों से आय दिन कोई न कोई गलती सुर्खिया बन रही है।

अब ताजा मामला फिरोजाबाद जिले का है। यहां बुधवार को कोरोना संक्रमित की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने कोविड अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों पर शव गायब करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। हंगामे के बीच परिजनों ने कोविड अस्पताल में तोड़फोड़ कर कर्मचारियों के साथ मारपीट की, इससे कोविड अस्पताल छोड़कर कर्मचारी भाग खड़े हुए। 

स्वास्थ्य कर्मचारियों ने किया हड़ताल

मृतक के परिजनों द्वारा मारपीट से व्यथित स्वास्थ्यकर्मियों हड़ताल करने के साथ नारेबाजी की और अस्पताल परिसर में धरने पर बैठ गए। सूचना पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कई थानों का पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझाकर मामले को शांत कराया।

उत्तर थाना क्षेत्र की विभव नगर निवासी विकास अग्रवाल कोरोना संक्रमित हो गए थे। इस पर 24 अप्रैल को परिजनों ने उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज परिसर में बने कोविड अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उनका उपचार चल रहा था।

बुधवार सुबह करीब दस बजे विकास अग्रवाल ने पत्नी चारुल से फोन पर बात की। इसके बाद परिजनों का कोविड अस्पताल में भर्ती विकास से संपर्क नहीं हो सका। परिजन विकास के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी करने बुधवार शाम अस्पताल पहुंचे लेकिन स्टाफ और चिकित्सकों ने उन्हें जानकारी नहीं दी। शाम करीब पांच बजे विकास की पत्नी चारुल अस्पताल में प्रवेश कर गई। 

बेड पर नहीं मिला मरीज

चारुल को बेड पर पति विकास नहीं मिला। चारुल का कहना है कि बेड के समीप पति विकास के कपड़े पड़े थे। पति के कपड़े देख चारुल की चीख निकल गई। इस पर अस्पताल के बाहर परिवार के अन्य सदस्य भी अस्पताल में पहुंच गए। विकास के गायब होने की खबर मिलते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। 

परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट कर दी। मामला बढ़ता देख चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पताल छोड़कर भाग गए। 

हंगामें सूचना पर एडीएम सदर राजेश वर्मा, सीओ सिटी हरिमोहन के साथ उत्तर, दक्षिण, रामगढ़, रसूलपुर के साथ लाइनपार थाने के साथ महिला थाने का फोर्स व नगर विधायक मनीष असीजा भी मौके पर पहुंच गए। नगर विधायक और पुलिस प्रशासनिक अधिकारी आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। 

तभी कोविड अस्पताल में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी नारेबाजी करते हुए कोविड अस्पताल पर पहुंच गए। आक्रोशित कर्मचारियों का कहना था कि सुरक्षा के नाम पर अस्पताल के आसपास न तो पुलिस बल तैनात रहता है और न ही उन्हें विगत दो माह से मानदेय दिया गया है। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद आक्रोशित परिजन और स्वास्थ्य कर्मचारियों का आक्रोश शांत हुआ। 

पति ने बताया था सहीं नहीं यहां की व्यवस्था

हंगामा कर रही पत्नी चारुल चीख चीखकर कह रही थी उसके पति फोन पर हमेशा कहते थे कि यहां से मुझे निकाल लो। ये लोग मुझे मार देंगे। खाना नहीं दिया जाता, दवा नहीं दी जाती, मेरा दम घुट रहा है।

ऑक्सीजन भी पूरी नहीं दी जा रही है। यदि ये लोग मुझे पहले बता देते तो मैं अपने पति को यहां से निकाल कर दिल्ली ले जाती, लेकिन मरने नहीं देती। इन लोगों ने ही मेरे पति को मार दिया। 

मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा ने कहा कि मरीज की कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई है। परिजन शव गायब करने का आरोप लगा रहे है, जो पूरी तरह से निराधार है। हंगामे के दौरान उसका शव अस्पताल में ही रखा था। मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार मिले। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।


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