किसानों ने जलाई नए कृषि कानून की प्रतियां, कानून रद्द करने की मांग दोहराई
नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को हरियाणा के फरीदाबाद सेक्टर-12 में एकजुट होकर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया है। इस दरम्यान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग भी दोहराई है।
फरीदाबाद । केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों व सरकार के बीच रार लगातार बढ़ती ही जा रही है। दरअसल नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को हरियाणा के फरीदाबाद सेक्टर-12 में एकजुट होकर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया है।
इस दरम्यान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग भी दोहराई है। यहां किसानों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांग भी उठाई है। किसानों ने विधायक नयनपाल रावत की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
जानकारी के मुताबिक केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर डटे किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 49वें दिन भी जारी है।
किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन इसमे संशोधन संभव है। बता दें कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है,
वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार के ये नए कृषि कानून कारॅपोरेट हित में लाए गए हैं।
बताते चलें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का कई महीनों से विरोध कर रहे हैं।