किसान आंदोलन के एक साल पूरे, आज बार्डरों पर होगी किसानों की महापंचायत

टीम भारत दीप |

किसान महापंचायत को देखते हुए पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बढ़ा दी गई है।
किसान महापंचायत को देखते हुए पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बढ़ा दी गई है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज सभी बॉर्डरों पर लोग आएंगे और बातचीत करेंगे। अभी तो आंदोलन चल रहा है। केंद्र सरकार अगर बातचीत करेगी तो आगे का समाधान निकलेगा, वे बात ही नहीं करना चाहते हैं। बिना बात के कैसे समाधान निकलेगा।

गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसानों के धरने को आज एक साल पूरा हो रहा है। इस अवसर पर आज गाजीपुर समेत सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान महापंचायतें आयोजित होंगी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे। यहां खुद राकेश टिकैत मौजूद रहेंगे। धरना प्रदर्शन के एक साल पूरा होने पर किसानों के ठहरने के लिए धरनास्थल पर टेंट-तंबुओं को व्यवस्था की गई है।

इस अवसर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज सभी बॉर्डरों पर लोग आएंगे और बातचीत करेंगे। अभी तो आंदोलन चल रहा है। केंद्र सरकार अगर बातचीत करेगी तो आगे का समाधान निकलेगा, वे बात ही नहीं करना चाहते हैं। बिना बात के कैसे समाधान निकलेगा।

किसान महापंचायत को देखते हुए पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बढ़ा दी गई है।गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान तैनात कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे पर एक बार फिर से बैरिकेडिंग कर दी है और बड़े-बड़े पत्थरों के बैरिकेड्स जेसीबी मशीन से रखवा दिए हैं।

मालूम हो कि पिछले दिनों 16 लेयर बैरिकेडिंग हटाई गई थी। अब फिर 7 लेयर बैरिकेडिंग कर दी गई है। भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने फेसबुक पर लिखा- सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने शपथ पत्र के साथ कहा था कि रास्ते हमने नहीं रोके हैं। यह ताजा तस्वीरें हैं गाजीपुर बॉर्डर की, जिसमें बैरिकेड्स की वैल्डिंग की जा रही है।

उत्तराखंड से ट्रैक्टरों पर आ रहे किसान

उत्तराखंड से किसानों का एक बड़ा जत्था ट्रैक्टरों पर सवार होकर गाजीपुर बॉर्डर की तरफ चल दिया है, जो आज पहुंच जाएगा। इसके अलावा पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बागपत, नोएडा आदि जिलों से भी भाकियू पदाधिकारियों को किसानों को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के निर्देश मिले हैं।

यह आंदोलन 26 नवंबर 2020 को 'दिल्ली चलो' नामक आह्वान से शुरू हुआ था। तीन कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान पैदल ही दिल्ली की तरफ बढ़ रहे थे। उन्हें बॉर्डरों पर रोक दिया तो वे वहीं पर बैठ गए।

संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, इस आंदोलन में अब तक 683 किसानों की मौत हो चुकी है। आंदोलन की पहली बरसी पर (एसकेएम) संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें आगामी आंदोलन पर भी चर्चा होगी।

संसद मार्च को लेकर पुलिस अलर्ट

इन सब मांगों को लेकर किसान 29 नवंबर से संसद मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में संसद भवन तक जाने की तैयारी में हैं। भाकियू नेताओं ने जिलों के पदाधिकारियों को 28 नवंबर की रात तक ट्रैक्टर लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के लिए कहा है। इसे लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। 

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