पन्ना में किसान की एक माह में दूसरी बार चमकी किस्मत, खेत में मिला अनमोल रत्न
पन्ना के एक मजदूर की किस्मत एक माह में दूसरी बार किस्मत चमकी पहली बार उसे एक सस्ता हीरा मिला। दूसरी बार उसे बुधवार को एक कीमती हीरा मिला जिसकी कीमत 30 से 35 लाख ररुपये आंकी गई है।
पन्ना। मध्य प्रदेश का पन्ना जिला अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए मशहूर है। यहां की मिट्टी में अकूत संपदा छिपी है। जरूरत है तो उसे खोजकर बाहर निकालने की।
पन्ना के एक मजदूर की किस्मत एक माह में दूसरी बार किस्मत चमकी पहली बार उसे एक सस्ता हीरा मिला। दूसरी बार उसे बुधवार को एक कीमती हीरा मिला जिसकी कीमत 30 से 35 लाख ररुपये आंकी गई है।
लॉकडाउन की वजह से परेशान मजदूर घर लौटा। फिर परिवार के साथ यहीं काम की करने की सोची मजदूर ने अपने भाईयों से विमर्श करके हीरा खदान चलाने का मन बनाया।
इसके लिए उसने हीरा विभाग में खदान चलाने के लिए आवेदन दिया।मजदूर बलवीर सिंह को कृष्णाकल्याण पटी में 7 सितंबर को 14 सितंबर से 31 दिसंबर तक के लिए खदान स्वीकृत की गई थी।
इसमें उसने अपने भाईयों के साथ खदान में काम शुरू किया। पहली 6 सितंबर को उसे छोटा हीरा मिला,जिसकी कीमत 30 हजार रुपये आंकी गई थी। दूसरी बार 30 लाख कीमत का उज्जवल हीरा मिला। यह हीरा मिलने से किसान के परिवार मे खुशी की लहर फैल गई।
विशेषज्ञों ने इस हीरे की कीमत 30 से 35 लाख रुपये की बीच आंकी है। मजदूर ने इन हीरों को कार्यालय में जमा करा दिया है। अब नियमानुसार इन हीरों की नीलामी की जायेगी और 12 प्रतिशत टैक्स की राशि काट कर शेष 88 फीसद राशि सुबल को दे दी जायेगी।
पन्ना में मुख्यता बृजपुर क्षेत्र में कई खेतों में हीरे की खदानें चलतीं हैं। उन्हें यहां के हीरा विभाग द्वारा वैध पट्टा भी दिए जाते हैं। ताकि उन खदानों में हीरा मिले तो वे उसे जमा करा सकें। इस प्रकार की खदानों में खेत के मालिक को भी लाभ होता है। किसान अपनी-अपनी शर्तों के अनुसार जमीन उपलब्ध कराता है।
पन्ना जिले में 15 अक्टूबर 1961 को सबसे महंगा हीरा 44.55 कैरेट का रसूल मोहम्मद को मिला था। उस समय उसकी कीमत 3 लाख रुपए लगी थी, जो आज के हिसाब से करोड़ से ज्यादा होगी। 1 अक्टूबर 2014 को भी 12.93 कैरेट का हीरा अनंत सिंह को मिला था।