आनर किलिंग में पिता और पांच भाईयों को हुई उम्रकैद, जानें पूरा मामला

टीम भारत दीप |

न्यायाधीश एफटीसी-2 रश्मि रानी ने मृतका के पिता और पांचों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश एफटीसी-2 रश्मि रानी ने मृतका के पिता और पांचों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

राबिया ने इस्लाम नाम के युवक से प्रेम विवाह किया था। इससे उसके घर वाले खुश नहीं थे। उसके पति ने एसपी को प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें कहा था कि उसने राबिया से 29 मई 2012 को कोर्ट मैरिज कर ली थी। राबिया के परिवार वाले उनकी शादी से खुश नहीं थे। वे राबिया पर तलाक के लिए दबाव बनाते थे।

मुरादाबाद। मुरादाबाद 9 साल पहले बेटी की लव मैरेज के बाद परिवार वालों ने साजिश रच कर बेटी की हत्या कर दी थी। जिसे एक हादसे की शक्ल में बदला गया थ, लेकिन पुलिस जांच में  आनर किलिंग का मामला सामने आया था।

इस मामले में कोर्ट ने मंगलवार को 6 आरोपियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने मृतका के पिता और पांच भाईयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 90 हजार रुपये जुर्माना भी डाला है।

हादसे की दर्ज कराई थी  रिपोर्ट

कोर्ट के फैसले के बारे में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमाेद सागर ने बताया कि  हत्या की वारदात नौ साल पहले रामपुर के भोट थाना क्षेत्र में हुई थी। शहजादनगर थाना क्षेत्र के चमरपुरा गांव निवासी शाकिर अली ने भोट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

 इसमें बताया था कि 18 जुलाई 2012 की रात वह रुद्रपुर से बाइक पर  बहन राबिया के साथ घर जा रहा था। कोयला गांव के पास एक तेज रफ्तार डंपर ने बाइक में टक्कर मार दी। इस हादसे में दोनों भाई-बहन घायल हो गए थे।

दोनों का बरेली के निजी अस्पताल में इलाज चला। बाद में उसकी बहन घर आ गई थी, जहां 26 जुलाई को उसकी मृत्यु हो गई। इसकी सूचना पुलिस को दिए बिना परिवार वालों ने उसका दफन कर दिया।

शव कब्र से निकलवाकर कराया था पीएम

युवती की मौत की जानकारी मिलने के बाद  पुलिस ने जांच की। संदेह होने पर शव कब्र से निकलावकर पोस्टमार्टम कराया गया। हादसे वाले मुकदमे में धारा 304 ए लापरवाहीपूर्वक दुर्घटना से मौत होना, बढ़ा दी गई।

विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि राबिया ने इस्लाम नाम के युवक से प्रेम विवाह किया था। इससे उसके घर वाले खुश नहीं थे। उसके पति ने एसपी को प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें कहा था कि उसने राबिया से 29 मई 2012 को कोर्ट मैरिज कर ली थी।

राबिया के परिवार वाले उनकी शादी से खुश नहीं थे। वे राबिया पर तलाक के लिए दबाव बनाते थे। इसके बाद पुलिस ने राबिया के पिता शराफत हुसैन समेत भाइयों शाकिर अली, जाकिर,हातिम, साबिर और सद्दाम के खिलाफ हत्या साक्ष्य छुपाने आदि धाराओं में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद इस मुकदमे का फैसला सुनाया। गवाहों और सबूतों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी-2 रश्मि रानी ने मृतका के पिता और पांचों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। 


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