कोरोना से पिता की मौत, बेटा अमेरिका में फंसा, पत्नी भी नहीं दे पाई आखिरी विदाई
कोरोना संक्रमण की वजह से पति- पत्नी बीमार हो गई पति की हालत बिगड़ती चली गई। उनका आक्सीजन लेबल गिरता चला गया बड़े अस्पतालों में बेड न होने से उन्हें आक्सीजन की सुविधा नहीं मिल पाई और पति की मौत हो गई।
बरेली। पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण हो रही मौतों के कारण कई ऐसी मार्मिक खबरें निकलकर आ रही है, जिसे पढ़कर दिल रो दे। ऐसी ही एक खबर बरेली से सामने आई है।
यहां कोरोना संक्रमण की वजह से पति- पत्नी बीमार हो गई पति की हालत बिगड़ती चली गई। उनका आक्सीजन लेबल गिरता चला गया बड़े अस्पतालों में बेड न होने से उन्हें आक्सीजन की सुविधा नहीं मिल पाई और पति की मौत हो गई।
अब इस दंपति का एकलौता बेटा अमेरिका में फंसा हुआ है, जो पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सका। बेटे की अनुपस्थिति में रिश्तेदारों ने उनका अंतिम संस्कार किया यहां तक कि उनकी पत्नी भी आखिरी बार उन्हें विदाई नहीं दे पाई।
बड़े अस्पताल में नहीं मिली जगह
यह दिल को झकझोरने वाला मामला है बरेली बिहारीपुर खत्रियान का। यहां के रहने वाले अतुल टंडन कोरोना संक्रमित पिछले दिनों हो गए। इलाज के लिए दिल्ली के बड़े अस्पतालों ने उन्हें भर्ती नहीं किया। बेड फुल बताए गए। गाजियाबाद के छोटे अस्पताल में वह भर्ती हुए। आक्सीजन सपोर्ट तो मिला, लेकिन अस्पताल के पास वेंटीलेटर नहीं था।
उनका आक्सीजन लेवल 70 तक आने के बाद गाजियाबाद के डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े किए। बरेली में उनके मौसेरे भाई बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि खन्ना ने दिल्ली के कई अस्पतालों सें संपर्क किया। लेकिन कही बेड नहीं मिला।
आखिरकार उन्हें इलाज नहीं मिलने पर एंबुलेंस के जरिए बरेली लाने की योजना बनी, बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती करने के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉ. रवि ने बताया कि एंबुलेंस भी उन्हें लेट मिली, क्योंकि हाइवे पर हादसा होने की वजह से एंबुलेंस को पहले घायल को दूसरे अस्पताल छोड़ने के लिए जाना पड़ा।
डॉ. रवि ने बरेली के दो निजी अस्पतालों में बेड के लिए बात की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। आखिरकार डीडीपुरम के गंगाशील अस्पताल में उन्हें भर्ती किया जा सका।
यहां इलाज शुरू हुआ, लेकिन उनका आक्सीजन लेवल 50 फीसद रह गया था।इसलिए बचाया नहीं जा सका। क्लासिक कॉलेज के शिरीष मेहरोत्रा उनके साढ़ू भाई हैं।
अतुल टंडन की पत्नी भी कोविड पॉजिटिव हैं। उनका इलाज चल रहा है। बेटा अमेरिका में था। फ्लाइट बुकिंग होने के बाद वीजा नहीं मिलने से बरेली नहीं आ सका। अंतिम संस्कार भी रिश्तेदारों ने किया।