डाॅक्टरों की लापरवाही से पांच साल से महिला आईसीयू में भर्ती, खर्च हुए 6 करोड़

टीम भारत दीप |

पिता  पिछले पांच सालो से रोज अस्पताल में बेटी को देखने के लिए आ रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनकी बेटी स्वस्थ्य हो जाएगी।
पिता पिछले पांच सालो से रोज अस्पताल में बेटी को देखने के लिए आ रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनकी बेटी स्वस्थ्य हो जाएगी।

शायद यह अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने की देश की सबसे लंबी कहानियों में से एक है। उनके इलाज का बिल अब तक छह करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। पूनम की मेडिकल समरी करीब 11 पेजों की है। इस समरी में लगभग 20 से ज्यादा डॉक्टर्स के नाम है जिन्होंने पूनम का पिछले पांच सालों में इलाज किया है।

बंगलूरू। पेट में दर्द होने के बाद एक महिला को उसके परिजनों ने एक अस्पताल में भर्ती कराया इलाज शुरू हुआ, पांच साल बीतने के बाद भी अभी उसका अस्पताल में इलाज चल ही रहा हैं।

इस दौरान अस्पातल ने महिला के इलाज का 6 करोड़ का बिल बनाया है। पूनम नाम की महिला को आज अस्पताल में भर्ती किए हुए 1922 दिन हो चुके हैं। अभी भी पूनम के अस्पताल से डिस्चार्ज होने या उनकी सेहत सही होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।, वह अभी भी कोमा में है।  पूनम  फिलहाल कोमा में हैं।

 शायद यह  अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने की देश की सबसे लंबी कहानियों में से एक है। उनके इलाज का बिल अब तक छह करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। पूनम की मेडिकल समरी करीब 11 पेजों की है।

इस समरी में लगभग 20 से ज्यादा डॉक्टर्स के नाम है जिन्होंने पूनम का पिछले पांच सालों में इलाज किया है। पूनम के इलाज का बिल भी करीब चार पेजों का है। परिजन इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार  33 साल की पूनम कभी एक्सेंचर कंपनी के साथ बिजनेस रिपोर्टिंग एनालिस्ट के तौर पर काम करती थीं। आज वे मुश्किल से हिल और बोल पाती हैं।  पूनम मस्तिष्क की शिथिलता की एक पुरानी स्थिति में हैं, इसमें कोई व्यक्ति जागरूकता के कोई संकेत नहीं दिखाता है  

डॉक्टरों ने पांच साल पहले ही परिवार को शरीर घर ले जाने के लिए कह दिया था, लेकिन परिवार वालों को उम्मीद है कि अगर सही तरीके से इलाज किया गया, तो पूनम घर लौट सकती हैं। परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस और सरकार के सामने शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली है।

गलत इलाज का आरोप

पूनम के परिवार वालों ने पूनम की हालत के लिए अस्पताल को दोषी ठहराया है। उनके पति राजेश नायर पूनम की हालत को लेकर अस्पताल को जिम्मेदार मानते हैं। पूनम के पति का कहना है कि तीन अक्तूबर 2015 को पूनम पेट में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल में गई थी और आज पांच साल बाद उसकी हालत और खराब हो गई है। 

पूनम के पति राजेश नायर पत्नी की देखभाल के लिए आईएमबी और माइक्रोसॉफ्ट की जॉब छोड़ चुके हैं। पूनम का परिवार पूनम के इलाज के लिए अब तक 1.34 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनके पति का कहना है की पूनम की सेहत बिल्कुल सही थी। पूनम पेट में दर्द की शिकायत को लेकर अस्पताल में गई थी। डॉक्टरों ने आंत में रिसाव को रोकने के लिए उनकी सर्जरी की।

उसी दौरान डॉक्टर्स से कुछ गलत हो गया जिसकी वजह से पूनम की आज ऐसी हालत है। जैसी ही अस्पताल वालों को पता चला की वह गलत केस में फंस गए हैं उन्होंने पूनम की गलत मेडिकल समरी बनानी शुरू कर दी, जिनमें दावा किया गया है कि पूनम जब अस्पताल में आई थी तब वह गंभीर अवस्था में थी।

अक्तूबर 2015 में अस्पताल ने हमें बताया कि पूनम तीन हफ्तों से ज्यादा जिंदा नहीं रहेगी, लेकिन पूनम ने हिम्मत से लड़ाई लड़ी और हर बार अस्पताल के दावों को गलत साबित किया। शुरुआत में वह कोमा से बाहर भी आई।

अस्पताल के दावों को मिली चुनौती

पूनम के पति राजेश नायर ने बताया कि पूनम कोमा से बाहर आ रही थी। उसकी चेतना लगातार बढ़ रही थी। अब वह वेंटिलेटर सपोर्ट से सही तरह से सांस ले रही थी। हमे उम्मीद मिल गई थी की अब वह जल्द वेंटिलेटर-सपोर्ट से बाहर आ सकती है।

अचानक ही अस्पताल ने उन दवाओं को बंद कर दिया जिससे उसकी सेहत में सुधार हुआ था। उसकी सेहत फिर खराब होने लगी। तभी से उसे कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

नायर ने कहा कि पूनम की सेहत को सही करने की अस्पताल की तरफ से कोई कोशिश नहीं की गई। डॉक्टरों ने उसे पांच साल पहले बता दिया था कि वह जिंदा नहीं बचेगी लेकिन वह अभी भी जिंदा है।

अभी पूनम की जो सेहत है उसे अस्पताल के इलाज की जरूरत है हम उसका घर पर इलाज नहीं कर सकते हैं। पूनम के पिता पूर्व सैनिक हैं। वह पिछले पांच सालो से हर रोज अस्पताल में अपनी बेटी को देखने के लिए आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनकी बेटी स्वस्थ्य हो जाएगी।
 


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