वेतन को लेकर मेरठ नगर निगम का आफिस बना जंग का मैदान, दो अफसरों में चले जूते और लात

टीम भारत दीप |

दोनों अधिकारियों को किसी तरह अलग किया।
दोनों अधिकारियों को किसी तरह अलग किया।

रुके हुए वेतन को लेकर सहायक अभियंता निर्माण राजपाल यादव और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष शर्मा के बीच कहासुनी हो गई।

मेरठ। मेरठ में वेतन की बात को लेकर कहासुनी से शुरू हुई बात दो अफसरों के बीच मारपीट में तब्दील हो गई। मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष शर्मा और सहायक अभियंता निर्माण राजपाल सिंह यादव के बीच जमकर लात-घूंसे चले। 

नगर निगम का दफ्तर कुछ क्षणों में जंग के मैदान में तब्दील हो गया। हालांकि वहां मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कराकर मामला शांत कराया, लेकिन दोनों ही तरफ से नगर आयुक्त को शिकायती पत्र दिया गया है। नगर आयुक्त ने जांच कराकर कार्रवाई की बात कही है। 

बता दें कि शुक्रवार को नगर निगम सभागार में टेंडर कमेटी की ओर से टेंडर खोलने की प्रक्रिया चल रही थी। बताया गया कि रुके हुए वेतन को लेकर सहायक अभियंता निर्माण राजपाल यादव और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष शर्मा के बीच कहासुनी हो गई। 

देखते ही देखते कहासुनी गाली-गलौज और फिर मारपीट में बदल गई। दोनों के बीच लात और घूंसे चलने लगे। इस दौरान वहां मौजूद अन्य अधिकारियों, ठेकेदारों और प्रवर्तन दल सदस्यों ने दोनों अधिकारियों को किसी तरह अलग किया।

संतोष शर्मा का आरोप है कि राजपाल सिंह अपने रुके वेतन की जानकारी करने कार्यालय आए थे। नगर आयुक्त द्वारा वेतन पर्ची का सत्यापन कराने की जानकारी देने पर उन्होंने गाली-गलौज की। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी मुख्य अभियंता यशवंत कुमार को दी तो इस बार गाली गलौज करते हुए वेतन रोकने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। 

जान से मारने की भी धमकी दी। राजपाल सिंह ने आरोप लगाया कि वे मुख्य अभियंता से टेंडरों के संबंध में बात कर रहे थे, तभी वहां मौजूद संतोष शर्मा ने गाली-गलौज करते हुए उनके सिर में कुर्सी उठाकर मार दी। लात और घूंसे मारे। इससे उनके मुंह और सिर पर चोट लगी। 

उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि आठ महीने से रुके वेतन में संतोष शर्मा अड़ंगा लगा रहे हैं हालांकि उन्होंने आरोप को खारिज कर दिया। 


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