वित्त मंत्री का दावा, दबाव से निकली भारतीय अर्थव्यवस्था, हर क्षेत्र में दिख रहा सुधार
वित्त मंत्रालय ने कहा कि, जीएसटी व अन्य करों में वसूली बढ़ने से राजकोषीय दबाव कम होगा। हमने दूसरी लहर के दबाव को तो काफी कम कर दिया है, लेकिन अगर तीसरी लहर आती है तो तेज टीकाकरण और बचाव के प्रोटोकाल ही मददगार होंगे। अगर महंगाई को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी क्षेत्रों में उत्साहजनक आंकड़े हैं।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तहर से पटरी से उतर गई। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने कई बार विशेष पैकेज जारी किया।
इन विशेष पैकेजों का ही असर है कि देश की अर्थव्यस्था दबाव से बाहर निकल आई है। यह दावा मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आर्थिक रिपोर्ट में बताया कि कर वसूली से खपत और निर्यात तक हर क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ी हैं। अगर टीकाकरण की गति तेज रही, तो विकास दर पर काबू पा लेंगे।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि, जीएसटी व अन्य करों में वसूली बढ़ने से राजकोषीय दबाव कम होगा। हमने दूसरी लहर के दबाव को तो काफी कम कर दिया है, लेकिन अगर तीसरी लहर आती है तो तेज टीकाकरण और बचाव के प्रोटोकाल ही मददगार होंगे।
अगर महंगाई को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी क्षेत्रों में उत्साहजनक आंकड़े हैं। मई और जून की खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के पार चली गई, जो चिंता का विषय है।
इन सबके बावजूद पूंजी बाजार रोज नए रिकॉर्ड बना रहा, म्यूचुअल फंड निवेश, सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल और कर्ज की वृद्धि दर काफी तेज से बढ़ रही है। गैर खाद्य क्षेत्र में कर्ज की दर 6.5 फीसदी रही, जो साढ़े चार महीने में सबसे ज्यादा है।
एमएसएमई के उत्पादन में तेजी
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की मदद से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की गतिविधियां बढ़ी हैं और उत्पादन में तेजी आई है। मंत्रालय ने कहा कि जून, 2021 तिमाही में आर्थिक गतिविधियां एक साल पहले के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में हैं। कर वसूली में बीते साल की तुलना में 26.30 फीसदी तेजी रही। इससे राजकोषीय खर्च और आय में संतुलन बनाने में भी मदद मिलेगी।
पेट्रोल कीमतों पर भी निगाह : सीतारमण
रिजर्व बैंक की पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने की अपील पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने महंगाई पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं और ईंधन पर भी हमारी नजर है। वित्तमंत्री ने सदन को बताया कि बाजार में क्रूड के दाम और ढुलाई खर्च पर निगाह है और समय आने पर इसकी कीमतें घटाने के लिए उपयुक्त कदम उठाएंगे।
सरकार ने अभी तक खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटाया, दालों पर आयात शुल्क कम किया जिससे खुदरा बाजार में कीमतें नीचे आईं। आरबीआई ने मौद्रिक बैठक में महंगाई पर चिंता जताई है, जिसकी हम समीक्षा कर रहे हैं। केंद्र ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 2020-21 मेें पेट्रोल-डीजल से 3.89 लाख करोड़ रुपये कमाए थे।
इसे भी पढ़ें...