मथुरा: गोवर्धन के प्रमुख मंदिर की संपत्ति गबन के आरोप में रिसीवर सहित 12 के खिलाफ केस

टीम भारत दीप |

रिसीवर रमाकांत गोस्वामी
रिसीवर रमाकांत गोस्वामी

आरोपियों ने एक फर्जी कंपनी बनाकर मंदिर की धनराशि से जमीनों की अवैध रूप से खरीद फरोख्त की। साथ ही मुकुट मुखारबिंद में सजने वाले फूल बंगला के नाम पर भी करोड़ों की धनराशि के वारे न्यारे किए।

मथुरा। मथुरा में गोवर्धन के प्रमुख मंदिर मुकुट मुखारबिंद और हरगोविंद मंदिर की संपत्तियों के गबन के आरोप में लखनऊ में 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। इसमें मंदिर के रिसीवर भी शामिल हैं। एक एनजीओ की शिकायत पर एसआईटी जांच के बाद केस दर्ज किया गया है। 

बताया गया है कि द इंपीरियल पब्लिक फाउंडेशन नामक एनजीओ ने आरोप लगाया था कि गोवर्धन स्थित मुकुट मुखारबिंद मंदिर के रिसीवर ने मंदिर की संपत्तियों और धनराशि का गबन किया था। आरोपियों ने एक फर्जी कंपनी बनाकर मंदिर की धनराशि से जमीनों की अवैध रूप से खरीद फरोख्त की। साथ ही मुकुट मुखारबिंद में सजने वाले फूल बंगला के नाम पर भी करोड़ों की धनराशि के वारे न्यारे किए। 

इसकी शिकायत करीब दो साल पहले स्थानीय प्रशासन से की गई। जांच में मामला सही पाए जाने पर स्थानीय अधिकारियों ने यह मामला शासन को अग्रसारित कर दिया। शासन के आदेश पर गठित एसआईटी ने भी जांच में उक्त सभी आरोपों को सही पाया। साथ ही यह जांच रिपोर्ट भी शासन को भेज दी थी। 

हालांकि आरोपियों ने अपने करीबियों की मदद से मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन जुलाई माह में शिकायकर्ता फाउंडेशन ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से शिकायत कर उन्हें मामले से अवगत कराया। इसके बाद शासन के दबाव के चलते एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति मांगी। 

शासन की अनुमति मिलते ही गत दिवस लखनऊ में 12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें रिसीवर रमाकांत गोस्वामी, मनु ऋषि, संतोष कुमार, रामकृष्ण शर्मा, राधा किशन, ठेकेदार विवेक शर्मा, उनकी मां सिद्धश्री शर्मा, पिंटू सैनी, लट्टू सैनी, बिहारी लाल सैनी, उनकी पत्नी कमलेश सैनी और कोकन बाबू मिश्रा के नाम शामिल हैं।

द इंपीरियल पब्लिक फाउंडेशन के अध्यक्ष रजत नारायण ने कहा कि 14 जुलाई 2020 को उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह को लंबित जांच के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद यूपी सरकार सक्रिय हुई और एसआईटी द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया कि अभी कई प्रमुख आरोपियों को एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है। इन पर भी शिकंजा कसे जाने के लिए उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।


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