उत्तराखंड आपदा में श्रावस्ती के पांच श्रमिक लापता, घर में छाया मातम
बाढ़ में लापता गांव बेटों का क्या हाल होगा। उनके सुरक्षित होने की दुआ गांव का हर एक व्यक्ति कर रहा था। अजय की पत्नी रेखा, वेद प्रकाश की पत्नी सुशीला, हीरालाल की पत्नी मीना, छोटे लाल की पत्नी शिवकुमारी व प्रभु नाथ की पत्नी श्यामकली पति की चिंता करके बार-बार बेहोश हो जा रही है।
श्रावस्ती। रविवार सुबह उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटने से अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही में उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के पांच श्रमिक लापता हैं।
यह सभी लोग यहां ऋषि गंगा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट निर्माण में मजदूरी कर रहे थे। इनके साथ काम कर रहे तीन लोग सुरक्षित हैं। सुरक्षित बचे लोगों ने सूचना गांव में दी तो उनके घरों में मातम पसर गया। श्रमिकों के परिवार का रो- रोकर बुरा हाल है।
श्रावस्ती के सिरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोतीपुरकला के रनियापुर निवासी हीरालाल, राजेश, राजूए वेद प्रकाश, प्रभुनाथ,छोटू, हरीलाल व अजय गांव के अन्य युवाओं के साथ आठ नवंबर को मजदूरी के लिए उत्तराखंड गए थे। यहां चमोली जिले के तपोवन में निर्माणाधीन ऋषि गंगा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में सभी लोग काम कर रहे थे। लगभग एक माह पूर्व आठ लोगों को छोड़कर गांव के अन्य युवा घर लौट आए थे।
रविवार को कार्य स्थल पर ही अचानक पानी का तेज बहाव आने से निर्माणाधीन हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का बांध ढह गया।पानी के तेज बहाव के साथ अजय, प्रभुनाथ, छोटू, हरीलाल व वेद प्रकाश भी लापता हो गए। सुरक्षित बचे हीरालाल,राजेश व राजू ने सुबह करीब साढ़े 11 बजे फोन कर गांव में इसकी सूचना दी। इसके बाद पूरे गांव में मातम पसर गया।
परिजन रो-रोकर बेहाल
बाढ़ में लापता गांव बेटों का क्या हाल होगा। उनके सुरक्षित होने की दुआ गांव का हर एक व्यक्ति कर रहा था। अजय की पत्नी रेखा, वेद प्रकाश की पत्नी सुशीला, हीरालाल की पत्नी मीना, छोटे लाल की पत्नी शिवकुमारी व प्रभु नाथ की पत्नी श्यामकली पति की चिंता करके बार-बार बेहोश हो जा रही है।
बाढ़ में लापता जिले के पांच श्रमिकों के बारे में प्रशासनिक पुष्टि नहीं हो पाई है। अपर जिलाधिकारी योगानंद पांडेय ने बताया कि इस संबंध में शासन की ओर से कोई सूचना अभी नहीं दी गई है।
बचाव कार्य जारी
चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सोमवार सुबह ये टीमें टनल से मलबा हटा रही हैं। अब वायुसेना और नौसेना भी इसमें अपना सहयोग देने को तैयार हैं।
इस कड़ी में रविवार दोपहर को वायुसेना के सी.130 एयरक्राफ्ट एनडीआरएफ की टीम और पांच क्विंटल राहत सामग्री लेकर जौलीग्रांट पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम के साथ ही सेना के जवान व नौसेना के गोताखोरों को दोपहर बाद रैणी गांव के लिए रवाना किया गया।
वहीं, शाम को नौसेना के स्पेशल कमांडो माकरेस, भी जौलीग्रांट पहुंच गए। सोमवार सुबह पौने सात बजे वायुसेना के जवान राहत सामग्री और माकरेस को लेकर प्रभावित स्थल की ओर रवाना हो जाएंगे। यहां वायुसेना प्रभावित क्षेत्रों में हवाई सर्वे भी करेगी।
15 लोगों को बचाया गया, 14 शव बरामद
चमोली पुलिस ने बताया कि सुरंग में फंसे लोगों को बचाने का ऑपरेशन चल रहा है। जेसीबी मशीन की मदद से सुरंग को साफ करने के प्रयास जारी हैं। कुल 15 लोगों को बचाया गया है और 14 शव अब तक विभिन्न स्थानों से बरामद किए गए हैं।