यूपी के गोरखपुर के आसपास बाढ़ का ख़तरा, कई गांवों के संपर्क मार्ग कटे

टीम भारत दीप |

गोर्रा पिड़रा घाट पर अब भी खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर बह रही है।
गोर्रा पिड़रा घाट पर अब भी खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर बह रही है।

करीब 80 गांवों से अधिक बाढ़ प्रभावित बताए गए हैं। कई गांवों का संपर्क मार्ग कट गया है या फिर उस पर भी पानी भर गया है।

गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर ज़िले के आसपास इलाकों और ज़िलों में बाढ़ का ख़तरा मंडरा रहा है। कई नदियों के ख़तरे के निशान के ऊपर बहने से लोगों की रातों की नींद हराम हो गई। करीब 80 गांवों से अधिक बाढ़ प्रभावित बताए गए हैं। कई गांवों का संपर्क मार्ग कट गया है या फिर उस पर भी पानी भर गया है। 

बात अगर घाघरा नदी ही की जाए तो यहां जलस्तर ख़तरे के निशान से काफी ऊपर आने की वजह से तबाही मची थी। बंधों पर दबाव काफी बढ़ गया था। हालांकि अच्छी ख़बर ये है कि अब जलस्तर कई दिनों से नीचे की तरफ आना शुरू हुआ है। यही हाल राप्ती का रहा। 

इसके तटवर्ती क्षेत्रों में पानी का काफी दबाव रहा। इसका जलस्तर घट और बढ़ रहा है। गुरुवार को राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से 74 सेमी ऊपर आकर रुका रहा। कुआनो और रोहिन खतरे के निशान से नीचे आ गई हैं जबकि गोर्रा पिड़रा घाट पर अब भी खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर बह रही है।

बताया गया कि गोरखपुर जनपद में बाढ़ से 80 गांव प्रभावित हैं। उनमें से 21 मैरुंड घोषित किए गए हैं। प्रशासन की तरफ से कोविड 19 के प्रोटोकॉल के तहत 41 राहत शिविर चिह्नित किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित परिवारों में गुरुवार को 2531 राहत किट का वितरण किया गया। एक किट में पांच परिवार के लिए 10 दिन की खाद्य सामग्री शामिल है।

जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 5300 तारपोलीन सीट का वितरण किया जा चुका है। 208 नावें लगाई गईं हैं। मेडिकल टीम भी गठित की गई है जिसके द्वारा अब तक 9564 लोगों का उपचार किया गया। पशु चिकित्सकों की टीम भी पशुओं के उपचार में लगी है।


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