गोरखपुर में बाढ़ का ख़तरा, एनडीआरएफ तैनात, इतने गांवों पर संकट
सर्वाधिक सहजनवां तहसील के 16 गांव पानी से घिरे हैं। खजनी के दो गांव, गोला के चार, सदर के छह और कैंपियरगंज का एक गांव पानी से घिरा है।
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की सरयू (घाघरा) नदी का जलस्तर अब बढ़ रहा है। राप्ती नदी के जलस्तर में कमी तो दर्ज की गई है लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। हालांकि दूसरी नदियों का पानी कम होने से थोड़ी राहत जरूर मिली है।
पिछले कुछ दिनों से नेपाल की पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में बारिश न होने से जिले की ज्यादातर नदियों का जलस्तर स्थिर है या फिर उतार पर है। हालांकि शनिवार को घाघरा नदी के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। जिले में बहने वाली कुआनो और रोहिन का जलस्तर नीचे की तरफ आने लगा है।
इतना ही नहीं कुशीनगर, महराजगंज होकर बिहार तक जाने वाली बड़ी गंडक के जलस्तर में भी कमी आनी शुरू हो गई है। इस मंडल में सबसे अधिक तबाही मचाने वाली बड़ी गंडक वाल्मीकि नगर बैराज पर सुबह 107.530 मीटर से तीन सेंटीमीटर घटकर शाम तक 107.500 मीटर पर आ गई। वाल्मीकि नगर बैराज से जो पानी छोड़ा जाता है, शनिवार को उसका डिस्चार्ज 1,50,000 क्यूसेक रहा है।
29 गांव बाढ़ के पानी से घिरे
जिले में अब तक 29 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इन गांवों से लोगों के आने जाने के लिए 34 नावों की व्यवस्था की गई है। जिले में एनडीआरएफ भी तैनात कर दी गई है। सर्वाधिक सहजनवां तहसील के 16 गांव पानी से घिरे हैं। खजनी के दो गांव, गोला के चार, सदर के छह और कैंपियरगंज का एक गांव पानी से घिरा है। शनिवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व ने कई तहसीलों के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को सतत निगरानी का निर्देश दिया।