12 साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री आजम खान को मिली जमानत, जाने क्या है केस
एमपी—एमएलए कोर्ट ने सांसद आजम खां को एक मामले में जमानत दे दी है। वर्ष 2008 में हुए छजलैट बवाल में आरोपी सांसद आजम खां की जमानत अर्जी को विशेष अदालत एडीजे-2 पुनीत कुमार गुप्ता ने बहस सुनने के बाद मंजूर कर लिया है।
प्रयागराज। लगातार मुश्किलों में घिरते जा रहे सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सांसद आजम खान को एमपी-एमएलए अदालत से थोड़ी राहत मिली है। एमपी—एमएलए कोर्ट ने उन्हें एक मामले में जमानत दे दी है।
वर्ष 2008 में हुए छजलैट बवाल में आरोपी सांसद आजम खां की जमानत अर्जी को विशेष अदालत एडीजे-2 पुनीत कुमार गुप्ता ने बहस सुनने के बाद मंजूर कर लिया है। आजम खान की ओर से पक्ष रखते हुए उनके अधिवक्ता का कहना था कि आरोपी ने जानबूझकर अदालत की अवहेलना नहीं की है।
गौरतलब है कि बारह साल पहले छजलैट में हाईवे जाम करने और बवाल में रामपुर के सांसद आजम खां आरोपी हैं। बताया जाता है कि घटना के समय आजम खां के साथ अन्य सपा नेता भी थे। ये लोग मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे।
रास्ते में गाड़ी चेकिंग में आजम खान की कार के शीशे उतरवाने को लेकर सपाई भड़क गए और हाईवे पर धरना दे दिया था। बता दें कि इस मामले में आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम, अमरोहा के विधायक महबूब अली, देहात विधायक हाजी इकराम कुरैशी, नूरपुर के नईमुल हसन, नगीना विधायक मनोज पारस समेत कई सपा नेता शामिल थे।
लंबे समय से आजम के अदालत में उपस्थित न होने पर इसी साल छजलैट पुलिस ने फरारी (174 ए) का मुकदमा कायम किया था। इस मामले में जमानत के लिए बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से जमानत अर्जी पेश की गई। कोर्ट में अपर शासकीय अधिवक्ता मुनीश भटनागर ने अर्जी पर कड़ी आपत्ति की।
उन्होंने कहा कि अदालत में हाजिर न होने के लिए बहाने बनाए जा रहे हैं। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता शाह नवाब सिब्तेन का कहना था कि अदालत की अवमानना जानबूझकर नहीं की और तबीयत खराब होने से वह उपस्थित न हो सके।