लोन लेकर किस्त नहीं चुका रहे पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी, पूर्व आरबीआई गवर्नर ने उठाये ये सवाल

टीम भारत दीप |
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स्टेट बैंक के ऐसे ही खातों के एनपीए होने का मामला सामने आया है।
स्टेट बैंक के ऐसे ही खातों के एनपीए होने का मामला सामने आया है।

पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए छोटे दुकानदारों को सहायता प्रदान करना और बेरोजगारों को अपना छोटा सा व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बनाना था।

बुरहानपुर( मध्य प्रदेश)। लॉकडाउन के दौरान बीती जून में शुरू की गई केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बैंकों के लिए सिरदर्द बन गई है।

इस योजना के तहत सरकारी गारन्टी से लोन लेकर लाभार्थी​ किस्त नहीं चुका रहे हैं। मध्यप्रदेश में स्टेट बैंक के ऐसे ही खातों के एनपीए होने का मामला सामने आया है।

 मामले में एसबीआई ने बुरहानपुर नगर निगम के आयुक्त को खातों की रिकवरी कराने के लिए पत्र लिखा है।वहीं आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एसबीआई के पत्र को ट्वीट कर सरकारी योजनाओं पर सवाल उठाए हैं।

 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बुरहानपुर स्थित एसएमई शाखा के चीफ मैनेजर की ओर से नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कहा गया है कि बैंक ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत नगर निगम बुरहानपुर की संस्तुति पर करीब 160 स्ट्रीट वेंडर्स को लोन दिया था। 

बैंक मैनेजर का कहना है कि इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक एक भी किस्त जमा नहीं की है। ऐसे में ये लोन खाते एनपीए हो गए हैं। अब बैंक ने खातों की रिकवरी के लिए नगर आयुक्त से सहयोग मांगा है। 

वहीं गुरुवार को आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंक के लेटर को ट्वीट कर लिखा है कि सरकारी योजनाओं के साथ समस्याएं है, यह धरातल पर उतरने की जगह सिर्फ आंकड़ेबाजी और प्रचार तक ही सीमित रहती हैं। हाल ही में जोर शोर से गली-नुक्कड़ के दुकानदारों के लिए लागू की गई पीएम स्वनिधि योजना के साथ भी यही हुआ है।

1 जून को शुरू हुई योजना 

बता दें कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत 1 जून 2020 को की गई। केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू की गई। इस योजना का उद्देश्य लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए छोटे दुकानदारों को सहायता प्रदान करना और बेरोजगारों को अपना छोटा सा व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बनाना था।

इस योजना के अंतर्गत देश के रेहड़ी और पटरी वालों (छोटे सड़क विक्रेताओं) को अपना खुद का काम नए सिरे से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 10000 रुपये तक का लोन मुहैया दिया गया।

इस स्वनिधि योजना को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के तहत मिलने वाले लोन के चुकता करने की गारंटी सरकार ने ली है। 


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