नौकरी के नाम पर लखनऊ में चल रहा खेल, कंसल्टेंसी लगा रहीं बेरोजगारों को चूना
दिन-प्रतिदिन ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं सरकारी और प्राइवेट नौकरी के नाम पर बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी खूब देखने-सुनने को मिल रहे हैें।
लखनऊ। कोरोना संकटकाल में अर्थिक तंगी से जूझ रहे युवा बेरोजगारों को जमकर चूना लगाया जा रहा है। यूपी की राजधानी लखनऊ में टप्पेबाज सक्रिय हैं। दिन-प्रतिदिन ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं सरकारी और प्राइवेट नौकरी के नाम पर बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी खूब देखने-सुनने को मिल रहे हैें।
दरअसल कंसल्टेंसी एजेंसी पहले तैयारी कर रहे छात्रों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसे लेती हैं, फिर अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर।
ऐसे ही पिछले दिनों जानकीपुरम में एक कंसल्टेंसी एजेंसी ने बीटेक छात्र को नौकरी दिलाने के नाम पर एक लाख रुपये ले लिए। पुलिस पीड़ित की शिकायत पर मामले की जांच कर रही है।
दरअसल सीतापुर के रामपुर निवासी बीटेक छात्र ने परिवारीजनों से छुपाकर नौकरी के नाम पर जानकीपुरम सहारा स्टेट के पास स्थित एक कंसल्टेंसी एजेन्सी को 22 दिसंबर 2019 को पैसा दिया। नौकरी न मिलने पर दबाव बनाने पर फरवरी में एक प्राइवेट बैंक का नियुक्ति पत्र दे दिया। बैंक जाने पर पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है।
पुलिस से शिकायत करने की बात कहने पर पैसा वापस करने को कहा। पीड़ित ने इसकी सितंबर 2020 को पुलिस से शिकायत की। टप्पेबाज कसंल्टेंसी की आड़ में कंपनी केवल नौकरी की जानकारी ही नहीं दे रहे थे, बल्कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अच्छी तनख्वाह पर नौकरी लगवाने की गारंटी देते हैं।
यह लोग एक कार्यालय खोलकर बेरोजगार लोगों को एजेंट के माध्यम से फंसाते हैं। जिन्हें शहर व विदेश में मोटी कमाई का लालच देकर ठगी करते हैं। यहां तक इनसे जांच व कागज पूरे कराने के नाम पर 50 हजार से एक लाख रुपये तक ऐंठ लिये जाते है।