फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने गोरखनाथ मंदिर में की पूजा अर्चना, गायों को खिलाया गुड़-चना
फांस के राजदूत इमैनुअल गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा गोरखनाथ का दर्शन-पूजन कर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ का आशीर्वाद लिया।उन्होंने पूरे परिसर का भ्रमण करने के बाद कुछ वक्त गोशाला की गायों के साथ भी गुजारा।
गोरखपुर। गुरुवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर से घंटे घड़ियाल की तो हर दिन की तरह सामान्य थी। मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कुछ ज्यादा चौकस थी। क्योंकि आज फांस के राजदूत इमैनुअल गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा गोरखनाथ का दर्शन-पूजन कर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ का आशीर्वाद लिया।
उन्होंने पूरे परिसर का भ्रमण करने के बाद कुछ वक्त गोशाला की गायों के साथ भी गुजारा। मालूम हो कि लेनिन सुबह करीब सवा सात बजे मंदिर पहुंचे। मंदिर में उनका मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी, प्रधान पुजारी कमलनाथ, महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप राव और जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने स्वागत किया।
सबसे पहले वह बाबा गोरखनाथ के दरबार में गए, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने बाबा की पूजा-अर्चना की। मंत्रोच्चार संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरविंद चतुर्वेदी सहित अन्य आचार्यों द्वारा किया गया। इसी क्रम में वह ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर गए और पूजा-अर्चना कर उनका भी आशीर्वाद लिया।
गायों को गुड़-चना भी खिलाया: इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर का भ्रमण शुरू किया। भ्रमण का सिलसिला भीम सरोवर से शुरू हुआ। वह सभी प्रमुख देव विग्रहों के पास गए और उनका दर्शन किया। अंत में वह गोशाला गए ।
गायों को अपने हाथों से गुड़-चना खिलाया। फ्रांस के राजदूत लेनिन ने मोबाइल कैमरे से मंदिर तस्वीरें को याद रखने के लिए लिया।मंदिर परिसर में राजदूत लेनिन करीब सवा घंटा रहे।राजदूत लेनिन 10ः30 बजे एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
भेंट की गई फ्रेंच गीता: भ्रमण के बाद राजदूत इमैनुअल लेनिन गोरक्षपीठाधीश्वर के बैठक कक्ष में गए और जहां उन्होंने मंदिर का प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान उन्हें मंदिर प्रबंधन की ओर से फ्रेंच भाषा की गीता भेंट की गई।
राजदूत इमैनुअल लेनिन मंदिर परिसर भ्रमण के दौरान भगवान भैरो नाथ के दरबार में भी गए और वहां त्रिशूल चढ़ाकर मन्नत मांगी। मान्यता है कि भैरोनाथ के दरबार के दरबार में त्रिशूल चढ़ाने से सभी मुरादें पूरी होती है।