नवरात्रि का आरम्भ 13 से, कलश स्थापना का ये है शुभ मुहूर्त
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इस बरस चैत्र नवरात्रि का पर्व 13 अप्रैल से शुरु हो रहा है। वहीं 21 अप्रैल को नवमी तिथि पड़ेगी। वहीं व्रत का पारण दशमी तिथि 22 अप्रैल को किया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों तक मां के नौ स्वरूपों की अलग-अलग आराधना होती है।
लखनऊ। नवरात्रि का आरम्भ आगामी 13 अप्रैल से हो रहा है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि पर्व आरम्भ होता है। इस बरस चैत्र नवरात्रि का पर्व 13 अप्रैल से शुरु हो रहा है। वहीं 21 अप्रैल को नवमी तिथि पड़ेगी। वहीं व्रत का पारण दशमी तिथि 22 अप्रैल को किया जाएगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों तक मां के नौ स्वरूपों की अलग-अलग आराधना होती है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि में मां की विधि-विधान से आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। घर में सुख—समृद्धि आती है।
पुरोहित ज्वाला मिश्र बताते हैं कि इस बार चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन ग्रहों के शुभ संयोग के कारण विशेष योग बन रहा है। बताया गया कि प्रतिपदा की तिथि में विष्कुंभ और प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। उनके मुताबिक इस दिन विष्कुंभ योग दोपहर 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
प्रीति योग का आरंभ होगा। बताया गया कि करण बव सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक, उसके बाद बालव रात 11 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। वहीं नवरात्रि पर्व के महत्व को लेकर पुरोहित ज्वाला मिश्र बताते हैं कि हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बड़ा महत्व है।
उनके मुताबिक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए चैत्र नवरात्रि में माता के नौ रूपों की आराधना की जाती है। मां की आराधना करते हुए श्रद्धालु व्रत रखते हैं। बताया गया कि चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ हो जाती है। उन्होंने बताया कि इसी दिन से हिन्दू नव वर्ष का भी आरम्भ होता है।
ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि को सृष्टि की रचना हुई थी। वहीं नवरात्रि की नवमी तिथि भी बेहद महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि त्रेतायुग में इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। बताया गया कि समस्त संसार को मर्यादा में रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कैसे करना है इसका पाठ पढ़ाया था।
वहीं यह पावन पर्व नारी शक्ति का भी प्रतीक बताया जाता है।
कलश स्थापना के लिए ये है शुभ मुहूर्त: नवरात्रि आरम्भ:दिन- मंगलवार,तिथि- 13 अप्रैल 2021,शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक। अवधि- 04 घंटे 15 मिनट कलश स्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।
13 अप्रैल को आश्विन नक्षत्र और चंद्रमा मेष राशि में होने के कारण इस पर्व की शुभता और भी अधिक बढ़ जाती है। बढ़ेगी नवरात्रि की शुभता
नौ दिनों तक मां के अलग—अलग नौ स्वरूपों की होगी आराधना
पहला दिन: 13 अप्रैल 2021, मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा दिन: 14 अप्रैल 2021, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन: 15 अप्रैल 2021, मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन: 16 अप्रैल 2021, मां कूष्मांडा पूजा
पांचवां दिन: 17 अप्रैल 2021, मां स्कंदमाता पूजा
छठा दिन: 18 अप्रैल 2021, मां कात्यायनी पूजा
सातवां दिन: 19 अप्रैल 2021, मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन: 20 अप्रैल 2021, मां महागौरी पूजा
नौवां दिन: 21 अप्रैल 2021, मां सिद्धिदात्री पूजा
दसवां दिन: 22 अप्रैल 2021, व्रत पारण