नए साल से यूपी की रोजवेज बसों में कैशलेस सुविधा का होगा आगाज़, तैयारी अंमित चरण में

टीम भारतदीप |

नए साल से यूपी की रोजवेज बसों में कैशलेस सुविधा का होगा आगाज
नए साल से यूपी की रोजवेज बसों में कैशलेस सुविधा का होगा आगाज

बताया जा रहा है कि कैशलेस सुविधा शुरू होने से यात्रियों को नगद भुगतान से राहत मिलेगी। इसके लिए 15 हजार से ज्यादा ई-टिकटिंग मशीनें (ईटीएम) खरीदने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। परिवहन निगम प्रबंधन के मुताबिक रोडवेज बसों में कैशलेस सफर की सुविधा नए साल में शुरू करने की तैयारी चल रही है।

लखनऊ। योगी सरकार उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) बसों में कैशलेस सफर की सुविधा नए साल में शुरू करने जा रही है। इसकी तैयारी जोरो पर है। बताया जा रहा है कि कैशलेस सुविधा शुरू होने से यात्रियों को नगद भुगतान से राहत मिलेगी।

इसके लिए 15 हजार से ज्यादा ई-टिकटिंग मशीनें (ईटीएम) खरीदने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। परिवहन निगम प्रबंधन के मुताबिक रोडवेज बसों में कैशलेस सफर की सुविधा नए साल में शुरू करने की तैयारी चल रही है। कैशलेस सुविधा शुरू होने से न केवल टिकट बनेगा बल्कि सभी तरह के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से भुगतान भी हो सकेगा।

अगले बरस जनवरी के अंत में मशीनों का ट्रायल शुरू होगा। आगामी तीन माह में सेवा प्रदाता कंपनी ईटीएम की आपूर्ति प्रदेश भर में कर देगी। इस फैसले पर परिवहन निगम बोर्ड ने भी मुहर लगा दी है। यानि अब 2021 में अत्याधुनिक एंड्रायड ईटीएम से यात्री कार्ड के माध्यम से कैशलेस यात्रा कर सकेंगे।

सभी मशीनें ऑनलाइन होने से बिके हुए टिकटों की निगरानी करना भी आसान होगा। ईटीएम में स्मार्ट कार्ड, स्मार्ट एमएसटी, क्रेडिट-डेबिट समेत अन्य कार्ड से भुगतान की व्यवस्था होगी। इसके अलावा भविष्य में ईटीएम का उपयोग नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड के रूप में भी किया जा सकेगा।

इससे यात्री रोडवेज, सिटी बस, मेट्रो में भी कैशलेस सफर कर सकेंगे। इन ई-टिकटिग मशीनों को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से जोड़ने की तैयारी है। यह संस्था देश में कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ाने पर काम कर रही है।

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू के मुताबिक बसों में यात्रियों को कैशलेस यात्रा कराने का यह एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। भविष्य में इन मशीनों का उपयोग अन्य कार्यों में भी होगा। प्रयोग की जा रही ई-टिकटिग मशीनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। इसके चलते नई मशीनें मंगाई जा रहीं हैं।
 


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