फल का नाम बदलाः ड्रैगन फ्रूट का देशीकरण अब कहलाएगा कमलम

टीम भारत दीप |

अमेरिकी मूल का यह फल 19वीं शताब्‍दी के शुरू में दक्षिण पूर्वी एशिया में लाया गया।
अमेरिकी मूल का यह फल 19वीं शताब्‍दी के शुरू में दक्षिण पूर्वी एशिया में लाया गया।

गुजरात के मुख्यंत्री विजय रूपाणी ने कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल कर कमलम रख दिया। मुख्यमंत्री ने इसके पीछे तर्क दिया है कि ड्रैगन फ्रूट देखने में बाहर से कमल के फूल की तरह दिखाई देता है, इसलिए इसका नाम कमलम होना चाहिए।

अहमदाबाद। अभी तक किसी शहर या स्थान का नाम बदलने की परंपरा था, लेकिन देश में पहली किसी फल का नाम बदला गया है। यह मामला गुजरात में देखने को मिला।

गुजरात के मुख्यंत्री विजय रूपाणी ने कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल कर कमलम रख दिया। मुख्यमंत्री ने इसके पीछे तर्क दिया है कि ड्रैगन फ्रूट देखने में बाहर से कमल के फूल की तरह दिखाई देता है, इसलिए इसका नाम कमलम होना चाहिए। 

गत दिवस गुजरात के मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्‍य सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलने का फैसला किया है। चूंकि इस फल का बाहरी आकार कमल की तरह है इसलिए ड्रैगन फ्रूट का नाम अब कमलम रखा जाएगा।

इसके बाद उन्‍होंने कहा, हमने चीन के साथ जुड़े फल ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल दिया है। कमलम एक संस्‍कृत शब्‍द है जैसा कि फल का आकार कमल की तरह है इसलिए इसे कमलम कहने का फैसला किया गया है, इसमें कोई राजनीतिक नहीं है। मालूम हो कि मुख्‍यमंत्री रूपाणी बागवानी विकास मिशन के शुभारंभ के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे। 

मूलतः अमेरिका का है यह फल

असल में अमेरिकी मूल का यह फल 19वीं शताब्‍दी के शुरू में दक्षिण पूर्वी एशिया में लाया गया। यहां यह चीन और पड़ोसी देशों में खूब पसंद किया गया। ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

यह कैक्टस फेमिली से संबंधित गुलाबी रंग का एक रसीला फल है। इसका वैज्ञानिक नाम हिलोकेरेस अंडटस है। ड्रैगन फ्रूट में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमें विभिन्न बीमारियों से बचाते हैं और शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।

इम्यून सिस्टम मजबूत करता है

ड्रैगन फ्रूट इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, वजन घटाने में भी मदद करता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है और एजिंग की समस्या को कम करने के साथ ही स्किन को हेल्दी और जवान बनाने में मदद करता है। इस फल को सलाद जेली या फिर मुरब्‍बे के रूप में खाया जाता है। 

किसानों का पंसदीदा बन रहा

 इस फल की कीमत अच्दी मिलने की वजह से किसान इसक खेती की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे है। इसके अलावा इसकी खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। एक बार लगाने के बाद कई सीजन फल देता है, इसलिए किसान इसकी खेती कर रहे है। पहले महाराष्ट्र इसके बाद देश के कई अन्य राज्यों में खेती की जा रही है। 


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