काशी में गंगा उफनाई, गली- मोहल्‍लों में भरा पानी, सड़कों पर चलानी पड़ रही नाव

टीम भारत दीप |

वाराणसी में गंगा का घाटों से संपर्क टूट गया है और वरुणा के तट पर बसे मोहल्लों में पानी प्रवेश कर गया है।
वाराणसी में गंगा का घाटों से संपर्क टूट गया है और वरुणा के तट पर बसे मोहल्लों में पानी प्रवेश कर गया है।

गाजीपुर और बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जबकि प्रयागराज और मीरजापुर में खतरे के निशान के करीब है। गंगा का बढ़ाव फाफमऊ से लगातार जारी होने से जल्‍द ही अन्‍य जगहों पर बाढ़ का पानी चुनौती देने लगेगा।

वाराणसी। भगवान भोले की नगरी काशी में गंगा इस समय अपने रौद्र रूप में आ गई है। इस वजह से बाढ़ का पानी खतरें के निशान 71.262 है और गंगा का जलस्तर देर रात एक बजे तक 71.260 मीटर पर पहुंच गया।

रात दो बजे तक जल स्तर 71.280 तक पहुंच गया और सुबह तक पानी 71.350 तक पहुंच गया। वहीं वाराणसी में गली मोहल्लों में पानी भरने से नाव चलाने की स्थिति आ गई है। 

गाजीपुर और बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जबकि प्रयागराज और मीरजापुर में खतरे के निशान के करीब है। गंगा का बढ़ाव फाफमऊ से लगातार जारी होने से जल्‍द ही अन्‍य जगहों पर बाढ़ का पानी चुनौती देने लगेगा।

रविवार रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.77 मीटर था। प्रयागराज में 84.03 मीटर व मीरजापुर में 77.25 मीटर जलस्तर था। गंगा की सहायक नदियां भी उफान पर हैं, जिससे उनके तटवर्ती इलाकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रशासन लोगों के बचाव एवं राहत कार्य में जुटा है। लोगों से तटीय इलाकों से दूर जाने को कह रहा है। 

घाटों का संपर्क टूटा

वाराणसी में गंगा का घाटों से संपर्क टूट गया है और वरुणा के तट पर बसे मोहल्लों में पानी प्रवेश कर गया है। बलिया-गाजीपुर मार्ग पर आवागमन ठप हो चुका है। चंदौली में बलुआ गंगा घाट पारकर पानी बाजार तक पहुंच गया है।

चार अगस्त को कोटा बैराज धौलपुर से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के जलस्तर में नौ मीटर तक वृद्धि हो गई है। इससे जुड़ी यमुना में छह मीटर बढ़ाव दर्ज किया गया है। अन्य नदियों का पानी भी प्रयागराज में गंगा में मिलने के बाद दो मीटर तक जलस्तर बढ़ा है।

गांवों में घुसा पानी 

पिंडरा तहसील के वरुणा तटीय गांव कोइराजपुर, चमाव, भगतुपुर, दासेपुर, गोसाईपुर, करोमा सहित दर्जनों गांव में भी सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गयी हैं। रविवार को दोपहर में एसडीएम ¨पडरा गिरीश द्विवेदी ने कोइराजपुर सहित अन्य गांवों का दौरा किया।

वरुणा किनारे रामेश्वर, लक्षिपुर, परसीपुर, रसूलपुर,जगापट्टी, नेवादा, औसानपुर, पांडेयपुर, खंडा,तेंदुई, सत्तनपुर के तटीय क्षेत्रों की फसलें डूब गई हैं। तहसीलदार राजातालाब मीनाक्षी पांडेय ने लेखपाल, व कानूनगो को बाढ़ चौकियों की स्थापना के बाबत स्थलीय तैयारी का आदेश दिया है।

जंसा थानाध्यक्ष प्रेमनारायण विश्वकर्मा व रामेश्वर चौकी प्रभारी ने सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों की भीड़ को देखते हुए रामेश्वर घाट पर बांस की बल्ली व रस्सा, ट्यूब की व्यवस्था कराई ।

डूबी जल पुलिस चौकी 

बाढ़ के पानी की वजह से दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस की चौकी जलमग्न हो गई है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल डूब गया है। नावों से शवों को ले जाकर घाट पर बने मंदिर की छत और हरिश्चंद्र घाट के सबसे ऊपरी सीढ़ी पर शवदाह हो रहा है।

सामनेघाट व रमना में शवदाह स्थल डूब गया है। सिंहवार, सराय मोहाना, हनुमानपुर, चांदपुर गांव बाढ़ की चपेट में है। ढाब क्षेत्र के मोकलपुर, रामचंदीपुर, गोबरहां व आंशिक रामपुर, मुस्तफाबाद टापू बन गए हैं। इसके अलावा जाल्हूपुर, अम्बा, धराधर, मिश्रपूरा, सरसौल, जाल्हूपुर आदि ग्राम पंचायतों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है।

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