गाजियाबाद में मकान बनाने का सपना देख रहे लोगों के लिए अच्छी खबर
प्राधिकरण की ओर से इस बार निर्णय लिया गया है कि तीन क्षेत्रों को छोड़कर अन्य कालोनियों में भूखंडों के सेक्टर रेट में इजाफा नहीं किया जाएगा।
गाजियाबाद। दिल्ली और एनसीआर में घर बनाना आज मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर रहे हर युवा का सपना है। कारण नौकरी और मकान का महंगा किराया। नोएडा में अधिकतर व्यापारिक प्रतिष्ठान होने के कारण वह रहने के लिए मुफीद नहीं है। गाजियाबाद दिल्ली के मुकाबले सस्ता होने के कारण लोगों की पसंद बना हुआ है।
ऐसे में जो लोग गाजियाबाद में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे उनके लिए अच्छी खबर है। प्राधिकरण की ओर से इस बार निर्णय लिया गया है कि तीन क्षेत्रों को छोड़कर अन्य कालोनियों में भूखंडों के सेक्टर रेट में इजाफा नहीं किया जाएगा।
जीडीए इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी को छोड़कर अन्य कॉलोनियों में भूखंड के सेक्टर रेट मार्च 2031 तक नहीं बढ़ाने पर मंथन कर रहा है। इस बाबत एक प्रस्ताव जीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। जीडीए बोर्ड बैठक की नई तिथि की घोषणा जल्द हो जाएगी।
लोगों को बेहतर विकल्प मुहैया कराने के उद्देश्य से प्राधिकरण की ओर से बीते सात सालों से संपत्तियों के रेट को फ्रीज किया गया है। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद संपत्तियों के दाम को नहीं बढ़ाने पर मुहर लग जाएगी।
जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक इंदिरापुरम, वैशाली, और कौशांबी में संपत्तियों की मांग को देखते हुए यहां सेक्टर रेट को फ्रीज नहीं करने का निर्णय लिया जा रहा है। जीडीए की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव में मधुबन बापूधाम, स्वर्णजयंतीपुरम, गोविंदपुरम, कोयल एंक्लेव, इंद्रप्रस्थ सहित अन्य कालोनियों में 658 भूखंडों का सेक्टर रेट नहीं बढ़ाने की बात शामिल है।
दूसरी ओर प्रस्ताव में मधुबन बापूधाम के ई और एफ-ब्लॉक स्थित सामुदायिक भवन का किराया भी आगामी तीन साल तक नहीं बढ़ाने का भी उल्लेख है। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने कहा कि संपत्तियों के रेट फ्रीज करने संबंधी प्रस्ताव पर मंथन किया जा रहा है।