गाजियाबाद की आबोहवा हुई दूषित, देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर बना

टीम भारत दीप |

गाजियाबाद  की हवा अब इंसानों के लिए खतरनाक होती जा रही है।
गाजियाबाद की हवा अब इंसानों के लिए खतरनाक होती जा रही है।

करीब छह महीने बाद एक बार फिर गाजियाबाद शहर देश के प्रदूषित शहरों की सूची में चौथे नंबर पर रहा। पहले नंबर पर बागपत रहा, जहां एक्यूआई 333 दर्ज किया गया। अक्तूबर से शहर के एक्यूआई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

गाजियाबाद। गाजियाबाद की आबोहवा बेहद जहरीलाी होती जा रही है। सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। यहां लगातार प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार यहां की हवा अब इंसानों के लिए खतरनाक होती जा रही है। सोमवार को यहां एक्यूआई बेहद खतरनाक स्थिति यानी रेड जोन में पहुंच गया।

करीब छह महीने बाद एक बार फिर गाजियाबाद शहर देश के प्रदूषित शहरों की सूची में चौथे नंबर पर रहा। पहले नंबर पर बागपत रहा, जहां एक्यूआई 333 दर्ज किया गया। अक्तूबर से शहर के एक्यूआई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार तक एक्यूआई ऑरेंज जोन में बना हुआ था। एक्यूआई 231 दर्ज किया गया था। सोमवार को शहर के एक्यूआई में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।


सोमवार को करीब छह महीने बाद एक्यूआई फिर रेड जोन में पहुंच गया। गाजियाबाद का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया जो कि मानकों से करीब तीन गुना अधिक है। गाजियाबाद में  में सबसे प्रदूषित संजय नगर रहा। यहां पर एक्यूआई 329 दर्ज किया गया। जबकि पीएम दस और पीएम 2.5 का स्तर 289 और 329 दर्ज किया गया। जो कि मानक से ढाई गुना और साढ़े पांच गुना अधिक है। 

लोनी भी रेड जोन में रहा जहां एक्यूआई 321 दर्ज किया गया। लोनी में पीएम दस का स्तर 290 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 321 दर्ज किया गया। इंदिरापुरम का एक्यूआई ऑरेंज जोन में रहा। यहां पर एक्यूआई 284 रहा। यहां पर पीएम दस और पीएम 2.5 का स्तर 255 और 284 रहा। सबसे कम प्रदूषित वसुंधरा रहा। यहां पर एक्यूआई 262 रहा। यहां पर पीएम दस का स्तर 213 रहा। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 262 दर्ज किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार गाजियाबाद देश में चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा। 

मालूम हो कि किसानों द्वारा पराली जलाने और निर्माण कार्यो से उठ रही धूल मिट्टी के कण से वायु प्रदूषित होती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पराली जलाने पर रोक लगा रखी है, इसके बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आते। पिछले दिनों बाराबंकी के चार किसानों पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की थी। 


संबंधित खबरें