सोना तस्कारों ने इजाद की नई तकनीक, एक्सरे मशीन भी हो रही फेल
सीमा शुल्क अधिकारी रितेश के मुताबिक मुरादाबाद के नजाकत व दरभंगा, बिहार के मोहम्मद कलीम के सामान की गहन जांच की। इस दौरान पाया की दोनों ने अपने-अपने ट्रॉली बैग के बेस में सोने की एक पतली परत कार्बन पेपर केनीचे छुपा रखी थी।
वाराणसी। सरकार तस्करी पर लाख रोक लगाए, लेकिन इस काम में जुटे लोग हर बार कोई न कोई नई तकनीक खोज लेते है।
नई तकनीक के बारें में वाराणसी में सोमवार को खुलासा हुआ। यहां दो तस्करों को जब पुलिस ने शक के आधार पर रोककर उनके सामान की तलाशी ली तो उनके आंखे खुली कि खुली रह गई। तस्कर इस बार सोने की पतली परत को कार्बन पेपर में छिपाकर लाए थे।
इस तकनीक से एक्सरे मशीन भी सोना को नहीं पकड़ पाती है। सीमा शुल्क के अधिकारियों ने बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शक के आधार पर दुबई से वाराणसी आई फ्लाइट से दो तस्करों को डेढ़ किलो सोना के साथ पकड़ा।
अधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे हैं। इस विषय में सीमा शुल्क अधिकारी रितेश के मुताबिक मुरादाबाद के नजाकत व दरभंगा, बिहार के मोहम्मद कलीम के सामान की गहन जांच की। इस दौरान पाया की दोनों ने अपने-अपने ट्रॉली बैग के बेस में सोने की एक पतली परत कार्बन पेपर के निचे छुपा रखी थी।
इसके इलावा छाते के अंदर एवं कई अन्य सामान को पैक करने में इस्तेमाल किए गए गत्तों के बीच में भी सोने की परत बरामद हुई। सोने को सुरक्षित रखने के लिए कार्बन पेपर का इस्तेमाल इसलिए किया गया था ताकि सोना एक्सरे में न देखा जा सके।
इस तरह से सोने को छुपाने के लिए नया शातिर तरीका तस्करों द्वारा अपनाया गया था। कुल डेढ़ किलो सोना बरामद हुआ जिसका मूल्य लगभग 76 लाख आंका गया। आगे की कार्रवाई और दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
एयरपोर्ट पर इतनी बड़ी मात्रा में सोना कोरोना काल में पहली बार बरामद हुआ है। मालूम हो कि विदेशों से सोना तस्करी कर लाने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है। पहले अधिकांश दक्षिण भारत के लोग सोना तस्करी में पकड़े जाते थे। अब उत्तर भारत में भी लोग सोना तस्करी में हाथ आजमाने लगे है।