गोंडा: यूपी किसान कांग्रेस का अनिश्चितकालीन उपवास जारी, उठाई ये मांगे

टीम भारत दीप |

किसानों की समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस का अनिश्चितकालीन उपवास।
किसानों की समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस का अनिश्चितकालीन उपवास।

किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तरुण पटेल पिछले 18 दिनों 14 जून, 2021 से किसानों की समस्याओं को लेकर उपवास पर बैठें हैं। बताया गया कि वह लगातार सरकारी डॉक्टर और गोंडा जिले के प्रशासन की निगरानी में हैं। जानकारी के मुताबिक तरुण पटेल यूपी सरकार से किसानों की सबसे बड़ी समस्या 'पशुधन की बर्बादी पर हर्जाना दो' की मुहिम को लेकर अनिश्चित कालीन उपवास पर बैंठे हैं।

गोंडा। यूपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तरुण पटेल पिछले 18 दिनों 14 जून, 2021 से किसानों की समस्याओं को लेकर उपवास पर बैठें हैं। बताया गया कि वह लगातार सरकारी डॉक्टर और गोंडा जिले के प्रशासन की निगरानी में हैं। जानकारी के मुताबिक तरुण पटेल यूपी सरकार से किसानों की सबसे बड़ी समस्या 'पशुधन की बर्बादी पर हर्जाना दो' की मुहिम को लेकर अनिश्चित कालीन उपवास पर बैंठे हैं।

बताया गया कि वह सिर्फ निम्बू पानी ले रहे हैं। बताया गया कि सूबे में किसान अपने दरवाजे से पशु को बेच नहीं पा रहा है और बेच पा रहा है तो आधे अधूरे दामों पर। उनके मुताबिक किसान को अपना ही पशु मजबूरी में छुट्टा छोड़ना पड़ा रहा है। यही छुट्टा पशु आवारा बन कर फसल को चर रहा है,रौंद रहा है। उन्होंने कहा कि फसल को बचाने के लिए किसान दिन—रात अपने संसाधन जुटा कर जाग रहा है।

बताया गया कि अपने फसल को बचाने के लिए ग्रामीण कंटीले तार—जाल लगा रहा है। वहीं बताया गया कि आवारा पशु सांड, जंगली सुअर, नीलगाय आदि खेत खलिहान और सड़क पर आम जन को खतरनाक तरीके से चोटिल कर रहा है। बताया गया कि बीते 4 वर्षों में असंख्य आम किसान—जन चोटिल हुए हैं। अधिकाधिक तादाद में लोगों की मौतें हुई हैं। 

उन्होंने कहा कि किसानों की इस विकराल समस्याओं के पीछे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अदूरदर्शी निर्णय है। इस निर्णय से पशुबजार बाधित हैं। गाय—भैंस—पड़वा बछवा के खरीददार पुलिस प्रशासन एवं हिन्दू समाज के मनगढंत ठेकेदारों द्वारा प्रताड़ित किये जाते हैं। मारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसान इन घटनाओं को लेकर भयभीत है। परेशान है।

उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि उनका उपवास तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी। उन्होंने अपनी मांगें गिनाते हुए किसानों को हुए आर्थिक नुकसान का न्यूनतम 50000 का हर्जाना देंने।आवारा पशुओं द्वारा घायल को न्यूनतम 1 लाख का हर्जाना देंने।

आवारा पशुओं द्वारा मारे गए किसानों व आम जनमानस को न्यूनतम 10 लाख का हर्जाना देंने समेत अपनी ​मांगें गिनाई।


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