खुशखबरी : सरकार ने खाने के तेल पर घटाया आयात शुल्क, रसोई का खर्चा अब घटेगा
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पहले क्रूड पाम ऑयल पर 10 फीसदी और क्रूड सोया ऑयल व सनफ्लावर ऑयल पर 7.5 फीसदी का बेस इंपोर्ट टैक्स लगता था। आपकों बता दें कि रसोई गैस के साथ ही खाद्य तेलों का दाम बढ़ने से सरकार के प्रति जनता में काफी आक्रोश था। अब तेलों के सस्ता होने से लोगों का गुस्सा अब कुछ हद तक शांत हो सकता है।
नईदिल्ली। मोदी सरकार ने त्योहारों से पहले जनता सरकार ने त्योहार से पहले ही देश की जनता को राहत दी है। केंद्र ने खाने के तेल, जैसे- पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल के आयात पर लगने वाली बेस इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक अब क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सोया ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर लगने वाले बेस आयात शुल्क 2.5 फीसदी हो गया है।
पहले क्रूड पाम ऑयल पर 10 फीसदी और क्रूड सोया ऑयल व सनफ्लावर ऑयल पर 7.5 फीसदी का बेस इंपोर्ट टैक्स लगता था। आपकों बता दें कि रसोई गैस के साथ ही खाद्य तेलों का दाम बढ़ने से सरकार के प्रति जनता में काफी आक्रोश था। अब तेलों के सस्ता होने से लोगों का गुस्सा अब कुछ हद तक शांत हो सकता है।
सरकार द्वारा आयात शुल्क घटाने से अब रिफाइंड ग्रेड के पाम ऑयल, सोया ऑयल और सनफ्लावर ऑयल पर लगने वाला बेस आयात शुल्क 37.5 फीसदी से कम होकर 32.5 फीसदी हो गया हैं। बेस आयात शुल्क में कटौती के बाद अब क्रूड पाम ऑयल, सोयाऑयल और सनफ्लावर ऑयल के आयात पर कुल 24.75 फीसदी टैक्स लगेगा।
इसमें 2.5 फीसदी का बेस आयात शुल्क और अन्य टैक्स शामिल हैं। इसी तरह रिफाइंड पाम ऑयल, सोयाऑयल और सनफ्लावर ऑयल के आयात पर अब कुल 35.75 फीसदी का कर लगेगा, इसमें बेस इंपोर्ट टैक्स भी शामिल है।
खाद्य तेलों का घटेगा मूल्य
इस साल रसोई में इस्तेमाल होने वाले तेलों का आयात पिछले छह सालों के निचले स्तर पर रह सकता है, इंडस्ट्री बॉडी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के वरिष्ठ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ बीवी मेहता के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी संकट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि की वजह से लगातार दूसरे साल इसमें कमी आ सकती है।
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