खुशखबरी!इस साल 2020 के मुकाबले भारतीय कर्मचारियों की बढ़ेगी ज्यादा सैलरी

टीम भारत दीप |

इस साल 2020 के मुकाबले भारतीय कर्मचारियों की सैलरी में अधिक बढोत्तरी होगी।
इस साल 2020 के मुकाबले भारतीय कर्मचारियों की सैलरी में अधिक बढोत्तरी होगी।

​मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी Aon Plc ने अपने भारत में सैलरी बढ़ोतरी को लेकर किए गए लेटेस्ट सर्वे को जारी कर दिया है। सर्वे के मुताबिक 88 फीसदी कंपनियों का कहना है कि वे 2021 में सैलरी बढ़ाने की इच्छा रखती हैंं।

नई दिल्ली। यदि ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी के सर्वे की माने तो भारतीय कर्मचारियों के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। इस सर्वे में दावा किया गया है कि इस साल 2020 के मुकाबले भारतीय कर्मचारियों की सैलरी में अधिक बढोत्तरी होगी। दरअसल भारत में कंपनियों द्वारा साल 2021 में 7.7 फीसदी की सैलरी बढ़ोतरी देने की उम्मीद जताई गई है।

सर्वे के मुताबिक यह BRIC देशों में सबसे ज्यादा में से एक है और 2020 में मिले 6.1 फीसदी के औसत से भी ज्यादा है। ​मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी Aon Plc ने अपने भारत में सैलरी बढ़ोतरी को लेकर किए गए लेटेस्ट सर्वे को जारी कर दिया है। सर्वे के मुताबिक 88 फीसदी कंपनियों का कहना है कि वे 2021 में सैलरी बढ़ाने की इच्छा रखती हैंं।

यह आंकड़ा 2020 में 75 फीसदी कंपनियों का था, जो सकारात्मक कारोबार की भावना का है। बताया गया कि स्टडी में 20 से ज्यादा उद्योगों से 1,200 कंपनियों में डेटा का विश्लेषण किया गया है। जिसमें कहा गया है कि यहां सैलरी वृद्धि मजबूत रिकवरी की ओर संकेत करती है। वहीं कोड ऑफ वेज गेमचेंजर साबित हो सकता है।

Aon के भारत में परफॉर्मेंस और रिवॉर्ड बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिस और पार्टनर नितिन सेठी के उम्मीद जताते हैं कि 2021 में बढ़ोतरी लंबी समय अवधि में होगी। जिसकी वजह अनिश्चिता और आने वाले बदलावों का संभावित असर है। उनके मुताबिक नए श्रम कानूनों के तहत वेतन की प्रस्तावित परिभाषा से अतिरिक्त क्षतिपूर्ति दी जा सकती है।

जोकि बेनेफिट प्लान्स के लिए ज्यादा प्रावधान के तौर पर हो सकती है। जैसे कि ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और प्रोविडेंट फंड आदि। उन्होंने उम्मीद जताई है कि संगठन अपने कंपेनसेशन बजट को साल के दूसरे भाग में रिव्यू करेंगे। जब लेबर कोड के वित्तीय असर का पता लग जाता है। बताया गया कि यह भी संभव है कि कुछ सैलरी बढ़ोत्तरी  कर्माचरियों के लिए हाथ में आने वाला कैश नहीं बढ़ेगा।

यदि संस्थाएं वेतन की नई परिभाषा पर ज्यादा प्रोविडेंट फंड का भुगतान करने का फैसला करती हैं। सर्वे के अनुसार जिन सेक्टर्स में सबसे अधिक वृद्धि का अनुमान है। उनमें ई-कॉमर्स और वेंचर कैपिटल, हाई टेक/इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी, ITeS, लाइफ साइसेंज आदि शामिल हैं।

उधर जिन सेक्टर्स में सबसे कम बढ़ोतरी का अनुमान बताया गया है। उनमें होस्पिटेलिटी/रेस्टोरेंट, रियल एस्टेट/इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग सर्विसेज आदि को शामिल किया गया है। 


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