गोरखपुर: बिना शादी के जबरन घर में युवती को साथ रखता था दरोगा, परेशान होकर दी जान
रविवार को कोतवाली थाने पहुंचे महिला के घर वालों ने एसपी सिटी व सीओ कोतवाली को बताया कि शादीशुदा होने के बाद भी दारोगा राजेंद्र सिंह ने शहाना को जबरन अपने पास रखा था। कई बार उसकी शादी की बात चली, लेकिन उसने होने नहीं दी। 10 माह का बच्चा भी उसी का है।
गोरखपुर। यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी के गृह जनपद की पुलिस इन दिनों किसी न किसी वजह से लगातार सुर्खियों में बनीं हुई है। कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की वजह से पुलिस विभाग की फजीहत हुई। अब महिला की खुदकुशी के बाद एक दरोगा की संलिप्तता की वजह से फजीहत हो रही है।
मालूम हो कि जिला महिला अस्पताल की आउटसोर्सिंग कर्मचारी शहाना निशा ने क्षेत्रीय अभिसूचना इकाई में तैनात दारोगा की प्रताड़ना से परेशान होकर खुदकुशी कर ली थी। रविवार को कोतवाली थाने पहुंचे महिला के घर वालों ने एसपी सिटी व सीओ कोतवाली को बताया कि शादीशुदा होने के बाद भी दारोगा राजेंद्र सिंह ने शहाना को जबरन अपने पास रखा था।
कई बार उसकी शादी की बात चली, लेकिन उसने होने नहीं दी। 10 माह का बच्चा भी उसी का है। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपित हिरासत में है, तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
शहाना की मा ने दर्ज कराया केस
महिला की मौत के मुंबई से शहाना की बड़ी बहन शब्बो व जीजा जावेद गोरखपुर पहुंचे। बेलीपार के भीटी में रहने वाले घर वाले और अन्य रिश्तेदारों को लेकर कोतवाली थाने पहुंचे।
शहाना की मां तैरुननिशा ने थाने में मौजूद एसपी सिटी सोनम कुमार, सीओ कोतवाली विपुल सिंह को बताया कि जब भी उन्होंने बेटी से मिलने और साथ ले जाने का प्रयास किया तो दारोगा राजेंद्र सिंह जान से मारने की धमकी देकर भगा देता था।
घटना के समय वह घर में मौजूद था, जिसका प्रमाण उन लोगों के पास है। शहाना के जीजा जावेद ने बताया कि बीते शुक्रवार की सुबह दारोगा ने उनके पास फोन करके बताया कि शहाना ने खुदकुशी कर ली है।
घर वालों दिया सबूत
जब शहाना के जीजा ने दरोगा से पूछा कि घटना कैसे हुई तो उसने संतोषप्रद जवाब न देते हुए बताया कि रात को दोनों अलग-अलग कमरे में थे, इसलिए जानकारी नहीं हो पाई। प्रमाण के तौर पर बातचीत की रिकार्डिंग मौजूद है।
एसपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि शहाना की मां तैरुननिशा ने कोतवाली थाने में दारोगा राजेंद्र सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज कराया है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।
साहब बच्चे के साथ इंसाफ करिए
शहाना की मां और बहन उसके 10 माह के बेटे को भी लेकर थाने पहुंची थीं। एसपी सिटी और सीओ कोतवाली से उन्होंने कहा कि साहब इस मासूम के साथ इंसाफ करिए। दारोगा ने इसके सिर से मां का साया छीन लिया। अब कौन इसकी देखभाल करेगा। एसपी सिटी ने उन्हें मदद का भरोसा दिया।
60 घंटे बाद दर्ज हुआ मुकदमा
आपकों बता दें कि आरोतिप दरोगा राजेंद्र सिंह बलिया के रहने वाले है। कोतवाली पुलिस ने 15 अक्टूबर को हिरासत में ले लिया। लेकिन मुकदमा दर्ज करने के लिए 60 घंटे तक माथा-पच्ची चली।दो दिन तक तहरीर न मिलने की दलील दी गई। रविवार को जब मृतका के घर वाले पहुंचे तो उनसे बातचीत करके देर शाम शहाना की मां की तहरीर पर आइपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
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