मेट्रो सिटी में गोरखपुर भी होगा शामिल, ट्रेन चलाने के लिए डीपीआर तैयार, बस इसका इंतजार

टीम भारत दीप |

मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा मिल जाने पर शहर के विकास में और तेजी आएगी।
मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा मिल जाने पर शहर के विकास में और तेजी आएगी।

डीपीआर के मुताबिक प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक स्टेशन बनाया जाएगा जिससे आने जाने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए आसानी से मेट्रो की सेवा मिल सके।

गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर शहर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना (एलआरटी) के डीपीआर और शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी घोषित करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बहुत जल्द यह दोनों प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। रेल ट्रांजिट परियोजना की लागत 4672 करोड़ रुपये आएगी। 

मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मेट्रो रेल के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए थे। सर्वे के बाद डीपीआर तैयार किया गया, जिसे आज मंजूरी दी गई। 

रेल ट्रांजिट परियोजना में दो काॅरीडोर प्रस्तावित किए गए हैं। पहला श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक बनेगा। इसकी लंबाई 15.14 किमी. होगी। इस कारीडोर में 14 स्टेशन होंगे। दूसरा काॅरीडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ चैराहे तक बनेगा। इसकी लंबाई 12.70 किमी होगी। इसमें 13 स्टेशन होंगे। 

डीपीआर के मुताबिक प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक स्टेशन बनाया जाएगा जिससे आने जाने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए आसानी से मेट्रो की सेवा मिल सके। इसके साथ ही कैबिनेट ने गोरखपुर शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी घोषित करने के प्रस्ताव और अल्टरनेटिव एंड एनालिसिस रिपोर्ट को भी मंजूरी दी। 

मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा मिल जाने पर शहर के विकास में और तेजी आएगी। कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद आवास विभाग केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय को गोरखपुर में लाइट मेट्रो रेल चलाने संबंधी प्रस्ताव को भेजेगा। वहां से मंजूरी के बाद गोरखपुर में लाइट मेट्रो रेल चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा। 

इसके आधार पर ही फंडिंग की व्यवस्था की जाएगी, इसमें तय होगा कि मेट्रो रेल परियोजना पर खर्च होने वाले वाले 4672 को रुपये में कितना पैसा केंद्र सरकार देगी, कितना राज्य और कितना कर्ज लिया जाएगा।


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