उप्रः मुड़िया मेले पर कोरोना का ग्रहण, मथुरा के डीएम ने जारी किया आदेश

टीम भारत दीप |
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मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने आते थे।
मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने आते थे।

भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के गोवर्धन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले करोड़ी मेले मुड़िया मेला को मथुरा जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। इस साल मेले का आयोजन 1 जुलाई से 5 जुलाई के बीच होना था।

भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के गोवर्धन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले करोड़ी मेले मुड़िया मेला को मथुरा जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। इस साल मेले का आयोजन 1 जुलाई से 5 जुलाई के बीच होना था। पारंपरिक रूप से भारतीय पंचांग के अनुसार ये मेला आषाढ़ शुक्ल एकादशी से आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तक मनाया जाता है। 

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ब्रज क्षेत्र में मुड़िया पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के राजकीय मेले में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने आते थे। मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रमुख मंदिरों के सेवायतों के प्रार्थना पत्र व मेला समिति की रिपोर्ट के आधार पर मेले को निरस्त किया जाता है। 

एकांतवास चाहते हैं भगवान
गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख मंदिर- दानघाटी, मानसी गंगा मुखारबिन्द, जतीपुरा मुखारबिन्द के सेवायत व रिसीवरों और नगर पंचायत गोवर्धन, राधाकुंड व परिक्रमा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के प्रधानों की ओर से मेलाधिकारी गोवर्धन एडीएम प्रशासन को सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि वर्तमान कोरोना महामारी से पूरा विश्व प्रभावित है। आसपास के प्रदेशों में संक्रमण भयावह है। गोवर्धन के मंदिर 8 जुलाई तक बंद हैं। हमारे इष्टदेव एकांतवास चाहते हैं। मेले में भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी संभव नहीं होगा। 

देश भर से आते थे श्रद्धालु
बता दें कि गोवर्धन के मुड़िया पूर्णिमा मेले में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन की परिक्रमा के लिए आते थे। इसके अलावा पूरे उत्तर प्रदेश एवं शेष भारत से भी 
श्रद्धालु अपने आराध्य की पूजा के लिए हर साल मुड़िया मेले में प्रतिभाग करते थे। इस बार कोरोना महामारी से दिल्ली और मध्य प्रदेश बुरी तरह प्रभावित हैं। परिक्रमा मार्ग का कुछ हिस्सा राजस्थान राज्य की भरतपुर सीमा में भी पड़ता है। ऐसे में वहां भी श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते संक्रमण का खतरा है। 

इन नियमों के तहत लगाई रोक
जिलाधिकारी ने अपने पत्र में कहा कि मुड़िया पूनो मेला प्रांतीयकरण नियमावली-2008 के नियम 16 व 17 में संक्रामक रोग व महामारी का प्रावधान वर्णित है। जनहित में व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया जा सकता है। साथ ही कोरोना महामारी को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों में जिला प्रशासन को ऐसे निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। 

मानसी परिक्रमा करें भक्त
गोवर्धन के प्रमुख मंदिरों के सेवायतों व मथुरा के धर्माचार्यों का कहना है कि श्री गिर्राज जी की सेवा में मानसी सेवा का भी बड़ा महत्व है। अतः सभी भक्तजन गिर्राज जी का ध्यान कर स्वयं को परिक्रमा मार्ग में अनुभव करें इससे उन्हें परिक्रमा का पूरा पुण्य प्राप्त होगा।


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