सरकार ने खरीद ली कोरोना वैक्सीन की 60 करोड़ डोज, एक अरब और खरीदने की तैयारी
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भले ही अभी तक कोरोना वायरस को मारने वाली वैक्सीन का सफल परीक्षण नहीं हुआ हो, फिर भी लोगों को कोरोना से बचाने के लिए भारत सरकार ने 60 करोड़ डोज का प्री-ऑर्डर कर रखा है। इसके अतिरिक्त एक अरब डोज और खरीदने के लिए बातचीत चल रही है।
नईदिल्ली। भले ही अभी तक कोरोना वायरस को मारने वाली वैक्सीन का सफल परीक्षण नहीं हुआ हो, फिर भी लोगों को कोरोना से बचाने के लिए भारत सरकार ने 60 करोड़ डोज का प्री-ऑर्डर कर रखा है।
इसके अतिरिक्त एक अरब डोज और खरीदने के लिए बातचीत चल रही है। ऐडवांस मार्केट कमिटमेंट्स के एक ग्लोबल एनालिसस में यह बात सामने आई है। इस मामले में सिर्फ अमेरिका ही उससे आगे है जिसने 81 करोड़ डोज का प्री-ऑर्डर किया है।
इसके अलावा वह 1.6 बिलियन डोज और हासिल करने की कोशिश में है। नवभारत टाइम्स में छपे एनालिसिस के अनुसार, उच्च और मध्य आय वाले कई देशों ने 8 अक्टूबर तक करीब 3.8 बिलियन डोज की बुकिंग कर ली थी।
इसके अलावा और पांच बिलियन डोज के लिए सौदेबाजी चल रही है। भारत के पास ऐडवांटेज यह भी है कि वह वैक्सीन बनाने के मामले में दुनिया में नंबर एक है और उसे इस क्षमता का फायदा जरूर मिलेगा।
रिसर्च सेंटर के असिस्टेंट डायरेक्टर आंद्रिया टेलर के मुताबिक, यह ध्यान रखने वाली बात है कि इनमें से कुछ ही वैक्सीन की खरीद असल में हो पाएगी जो रेगुलेटरी अप्रूवल पर निर्भर करेगी।
अभी तक ये सभी वैक्सीन एक्सपेरिमेंटल स्टेज में हैं और किसी को भी रेगुलेटरी अप्रूवल नहीं मिला है। ऐसे में देश जो भी सौदे कर रहे हैं, उनमें से शायद बहुत सारे कभी पूरे न हो सकें। उदाहरण के लिए, यूके ने पांच अलग-अलग वैक्सीन का सौदा किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा है, "कोविड-19 से दुनिया को बचाने के लिए भारत वैक्सीन बना रहा है तो वह अपने नागरिकों की सुरक्षा क्यों सुनिश्चित नहीं करेगा सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है ।
वैक्सीन उपलब्ध होने पर उसकी पर्याप्त डोज मिलना सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।वैसे तो चुनावों में राजनीतिक दल मुफ्त कोरोना वैक्सीन सबकों उपलब्ध कराने का वादा कर रहे है।
वैसे अभी हर कोई कोरोना वायरस के दूसरी लहर आने की बात कर रहा है। दिल्ली समेत कई शहरों में फिर से संक्रमितों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में भारत सरकार की कोशिश है कि बाजार में वैक्सीन आते ही वह देश वासियों को उपलब्ध करा सकें,ताकि तबाही और न हो सकें।