लखनऊ में वाराणसी के जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर ने खुद को गोली से उड़ाया
संजय शुक्ला मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले थें। इंस्पेक्टर गोमतीनगर विस्तार के मुताबिक सोमवार रात संजय शुक्ला ने पत्नी के साथ खाना खाया। इसके बाद वह कमरे में सोने चले गए। देर रात करीब 12 बजे कमरे से गोली चलने की आवाज सुनकर पत्नी भागकर कमरे में पहुंची तो संजय शुक्ला खून से लथपथ पड़े हुए थे। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लखनऊ। वाराणसी में तैनात असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी संजय शुक्ला (45) ने रविवार देर रात गोमतीनगर विस्तार में सरयू अपार्टमेंट स्थित अपने फ्लैट में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। कमरे में खून से लथपथ वह मिले थे।
आपकों बता दें कि इसी माह छह मई को लाखों की चोरी भी हुई थी। पुलिस ने मौके से उनका लाइसेंसी असलहा बरामद कर लिया है। सूचना पर पुलिस अधिकारियों और फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
संजय शुक्ला मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले थें। इंस्पेक्टर गोमतीनगर विस्तार के मुताबिक सोमवार रात संजय शुक्ला ने पत्नी के साथ खाना खाया। इसके बाद वह कमरे में सोने चले गए। देर रात करीब 12 बजे कमरे से गोली चलने की आवाज सुनकर पत्नी भागकर कमरे में पहुंची तो संजय शुक्ला खून से लथपथ पड़े हुए थे।
तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने उनका लाइसेंसी असलहा भी कब्जे में ले लिया है।
रुपये नहीं दिए तो मां पर ही तान दिया तमंचा, सड़क पर दौड़ाया
एसीपी ने बताया कि संजय के आत्महत्या करने के कारणों की पुष्टी नहीं हो सकी है। मामले की जांच की जा रही है। आजमगढ़ में रहने वाले उनके भाई व परिवारीजन भी आ रहे हैं। उनसे भी इस संबंध में पूछताछ की जाएगी। संजय की काल डिटेल भी खंगाली जा रही है।
वहीं, आस पड़ोस के लोगों का कहना है कि शाम तक तो संजय ठीक थे। पड़ोसियों से बातचीत भी की थी। एकाएक संजय के द्वारा आत्महत्या करने करना कुछ समझ में नहीं आया। लोगों का कहना है कि पत्नी से किसी बात को लेकर विवाद भी हुआ था।
चोरों पर 50 हजार का इनाम घोषित किया
मालूम हो कि संजय परिवार के साथ वाराणसी में थे। इस बीच छह मई को चोरों ने उनके फ्लैट में धावा बोलकर वारदात को अंजाम दिया था। लाखों का माल समेट ले गए थे। वह लखनऊ पहुंचे। उसके बाद से वह यहीं थें।
चोरों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को उन्होंने 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी। चोरी के खुलासे के संबंध में उन्होंने पुलिस कमिश्नर से भी मुलाकात की थी। चोरी की घटना के बाद वह तनाव में थें। सोमवार को संजय को वाराणसी में ज्वाइन करना था, पर वह क्यों नहीं गए। इसकी भी जानकारी किसी को नहीं है। एसीपी ने बताया कि उनकी रविवार को संजय से फोन पर बात भी हुई थी।