गुलशन कुमार हत्याकांड:दोषी अब्दुल रउफ की उम्रकैद की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा
मालूम हो कि गुलशन कुमार ने 80 के दशक में टी सीरीज की स्थापना की और 90 के दशक तक वो कैसेट किंग के नाम से मशहूर हो चुके थे। टी सीरीज करोड़ों की कंपनी बन चुकी थी। गुलशन कुमार की हत्या में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का नाम लिया जाता है।
मुंबई। संगीत जगत को एक नई पहचान देने वाले गुलशन कुमार हत्याकांड के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषी रउफ मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने इस केस का फैसला गुरुवार क सुनाया।
गुलशन कुमार की हत्या से जुड़ी कुल चार याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट में आई थीं। इसमें तीन अपील रऊफ मर्चेंट, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ थीं। मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में दोषी ठहराया था, अब कोर्ट ने उसकी सजा को बरकरार रखा है।
वहीं अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी यह रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी। हालांकि कोर्ट ने तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दिया है। उनपर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था।
1997 में हुई थी गुलशन कुमार की हत्या
जैसा कि आप जानते है कि गुलशन कुमार भक्ति संगीत के जरिए अपने कारोबार को आगे बढ़ाया था। वह नियमित मंदिर पूजा—अर्चना करने जाते थे। इसी बीच जब वह मंदिर से पूजा करके लौट रहे थे।
12 अगस्त 1997 को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। तभी अचानक बाइक सवारों ने उन पर ताबड़तोड़ 16 गोलियां दाग दीं। मौके पर ही गुलशन कुमार की मौत हो गई थी। उनकी हत्या की खबर से बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी।
दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का था हाथ
मालूम हो कि गुलशन कुमार ने 80 के दशक में टी सीरीज की स्थापना की और 90 के दशक तक वो कैसेट किंग के नाम से मशहूर हो चुके थे। टी सीरीज करोड़ों की कंपनी बन चुकी थी। गुलशन कुमार की हत्या में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का नाम लिया जाता है।
गुलशन कुमार ने जिन हालातों में संघर्ष कर सफलता की सीढ़ियों को छुआ, वह आज के दौर में किसी और के लिए सोच पाना भी मुश्किल है। एक समय में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला शख्स बचपन में अपने पिता के साथ जूस की दुकान पर हाथ बंटाता था और यहीं से गुलशन का बिजनेस में इंट्रेस्ट हो गया और इस कमाई से उन्होंने कई अच्छे काम किए।
गुलशन कुमार ने अपने धन का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान करके एक मिसाल कायम की। 80 के दशक में टी-सीरीज नाम की एक म्यूजिक कंपनी की नींव रखी गई। जो आगे चलकर देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी बनी।
महज 10 साल में ही गुलशन कुमार ने टी सीरिज के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचाया था। उन्होंने कई गायकों को लॉन्च किया। और तभी से वे अंडरवर्ल्ड की आंखों में खटकने लगे मुंबई में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनपर 16 गोलियां चलाई गईं।
जानकारी के मुताबिक अबु सलेम ने गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्प शूटरों को दी थी। 9 जनवरी 2001 को विनोद जगताप ने कुबूल किया कि उसने ही गुलशन कुमार को गोली मारी।इसी मामले में कोर्ट में आज सुनवाई थी कोर्ट ने दोषी ठहराए गए आरोपितों की सजा को बरकरार रखा।
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