हसीना ने फेसबुक पर दोस्ती कर इंजिनियर को यूं लगाई 18 लाख की चपत

टीम भारत दीप |

झांसे में आकर इंजीनियर ने अलग-अलग बैंकों के खाते में 18.53 लाख रुपए ऑनलाइन भेज दिए।
झांसे में आकर इंजीनियर ने अलग-अलग बैंकों के खाते में 18.53 लाख रुपए ऑनलाइन भेज दिए।

फेसबुक पर इंजीनियर सत्‍यप्रकाश की एक महिला दोस्त ने अपना नाम एलिजावेथ लिली मार्कस बताया था। उसने खुद को रिजर्व बैंक आफ इंडिया का अधिकारी बताया और इंजीनियर का मोबाइल नंबर मांग लिया। जिसके बाद दोनों के बीच व्हाट्सएप पर भी बात होने लगी। महिला ने इंजीनियर को रिजर्व बैंक के मार्केटिंग से जुड़कर काम करने का ऑफर दिया।

देवरिया। इन दिनों साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इनमें अधिकतर ऐसे मामले में सामने आ रहे है जहां आशिक—मिजाज़ी के कारण लोगों को फेसबुक पर हसीनाएं काफी लम्बी चपत लगा रही हैं। ताजा मामला उत्‍तर प्रदेश के देवरिया जिले का है।

जानकारी के मुताबिक यहां रहने वाले एक इंजीनियर ने फेसबुक पर बनी महिला दोस्‍त के चक्‍कर में पड़कर करोड़पति बनने का सपना देखा और 18.53 लाख रुपए गंवा दिए। मामले में अब पुलिस ने इंजीनियर को साइबर थाने पर बुलाकर इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यह घटना पिछले साल जून की है।

दरअसल फेसबुक पर इंजीनियर सत्‍यप्रकाश की एक महिला दोस्त ने अपना नाम एलिजावेथ लिली मार्कस बताया था। उसने खुद को रिजर्व बैंक आफ इंडिया का अधिकारी बताया और इंजीनियर का मोबाइल नंबर मांग लिया। जिसके बाद दोनों के बीच व्हाट्सएप पर भी बात होने लगी। महिला ने इंजीनियर को रिजर्व बैंक के मार्केटिंग से जुड़कर काम करने का ऑफर दिया।

बताया गया कि महिला ने कहा कि इस काम से जल्‍द ही करोड़ों की आय होगी। वहीं पश्चिम बंगाल में तैनात इंजीनियर फेसबुक पर दोस्‍त बनी इस महिला के झांसे में आ गए। एक दिन महिला ने एटीएम कार्ड भेजने के नाम पर 38800 रुपये मांग लिए। तब सत्य प्रकाश ने स्टेट बैंक की सलेमपुर शाखा से केनरा बैंक में किसी नंदा गोपाल कुंडू के खाते रुपए भेजा।

इसके कुछ दिन बाद उनके घर डाक से एटीएम कार्ड पहुंच गया। बताया गया कि इंजीनियर का विश्‍वास हासिल करने के बाद महिला ने एक करोड़ रुपये का चेक भेजने के बदले में 20 लाख रुपये टैक्स के रूप में जमा करने को कहा। इस बीच उसने इंजिनियर का काफी विश्वास भी हासिल कर लिया था।

बताया गया कि महिला के इस झांसे में आकर इंजीनियर ने अलग-अलग बैंकों के खाते में 18.53 लाख रुपए ऑनलाइन भेज दिए। जिसके बाद एक बार फिर महिला ने पांच लाख रुपये की मांग की। तब इंजीनियर सत्य प्रकाश का माथा ठनका और उसे शक हुआ कि कहीं वह ठगी के शिकार तो नहीं हो रहे।

इसके बाद उन्होंने घटना की सूचना पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। तब इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और पुलिस अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया।

आदेश पर पुलिस ने इंजीनियर को गोरखपुर साइबर थाने पर बुलाकर केस दर्ज कर लिया है। बताया गया कि पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।


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