हाथरस गैंगरेप कांड: तो क्या झूठ बोल रही थी योगी सरकार ! सीबीआई ने दायर की चार्जशीट
मामले में आरोपी बनाए गए चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 325-एसएसी-एसटी एक्ट, 302, 354, 376 ए और 376 डी के तहत चार्जशीट फाइल की है। सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनकी ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाई थी। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी।
नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के हाथरस के बहुचर्चित बिटिया के गैंगरेप कांड मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी है। चार्जशीट में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया। ऐसे में अब योगी सरकार की नीयत को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि इस मामले में शासन-प्रशासन शुरूआत से ही गैंगरेप की बात को सिरे से नकार रहा था।
वहीं आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि सीबीआई ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है। वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं।
दरअसल सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयान को चार्जशीट का आधार बनाया है। वकील ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाए गए चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 325-एसएसी-एसटी एक्ट, 302, 354, 376 ए और 376 डी के तहत चार्जशीट फाइल की है।
सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनकी ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाई थी। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते पहले ही सीबीआई को मिल चुकी है।
वहीं सीबीआई पीड़ित के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। इस केस में पीड़ित के भाई ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी। सूत्रों के अनुसार सीबीआई को कुछ सवालों के सटीक जवाब चाहिए। इसलिए, पीड़ित के भाई का साइक्लोजिकल असेस्मेंट कराया जा रहा है।
इस तरीके से पूछताछ में डायरेक्टर और इनडायरेक्ट सवाल किए जाते हैं। पूरी प्रोसेस की रिकॉर्डिंग की जाती है। कोर्ट ने 16 दिसंबर को ही सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय कर दी थी। कोर्ट ने उस दिन हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार और एसपी रहे विक्रांत वीर को तलब किया है।
तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा के मुताबिक पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस डीएम की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
बता दें कि 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। लड़की के साथ मारपीट भी की गई थी। गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
सफदरजंग अस्पताल में पीड़ित की मौत के बाद पुलिस ने रात में ही पीड़ित का शव गांव ले जाकर परिवार की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार करा दिया था। मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
सीबीआई ने 11 अक्टूबर को हाथरस केस की जांच शुरू की थी। अब तक पीड़ित और आरोपियों के परिजन समेत इस मामले में 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने का दावा करने वाले चश्मदीद छोटू से भी कई बार पूछताछ की जा चुकी है। सीन री-क्रिएशन के साथ घटनास्थल का नक्शा भी बनाया गया था।